कौन-सी Vitamin D है आपके लिए सही? खाने से पहले समझ लें D2 और D3 के बीच का फर्क

इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है. लेकिन विटामिन डी सिर्फ हड्डियों तक ही सीमित नहीं है. यह मांसपेशियों के काम करने के तरीके, नर्व फंक्शन और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती है.

Vitamin D (Representative Image/Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

विटामिन डी सिर्फ एक ट्रेंडी सप्लीमेंट से कहीं अधिक है. यह एक जरूरी पोषक तत्व है जो हमें स्वस्थ रखने में बड़ी भूमिका निभाता है. विटामिन डी हड्डियों को मजबूत करने, इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने और शरीर में सूजन को कम करने में मदद करती है. हालांकि, विटामिन डी के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं. ऐसे में लोग विटामिन D2 और विटामिन D3 के बीच अंतर नहीं समझ पाते हैं. 

विटामिन डी क्या करता है?
विटामिन डी फैट में घुलने वाली एक विटामिन है. ये शरीर को कैल्शियम अब्सॉर्ब करने में मदद करती है. इससे हड्डियां स्वस्थ रहती हैं. अगर शरीर में पर्याप्त विटामिन डी नहीं है, तो आपका शरीर कैल्शियम को प्रभावी ढंग से अब्सॉर्ब नहीं कर सकेगा. इससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है. लेकिन विटामिन डी सिर्फ हड्डियों तक ही सीमित नहीं है. यह मांसपेशियों के काम करने के तरीके, नर्व फंक्शन और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती है.

प्राकृतिक रूप से मिलती है विटामिन 
ये आपको प्राकृतिक रूप से भी मिलती है. हालांकि, कई वजहों से ये नहीं मिल पाती है. जैसे-

-सीमित सूर्य एक्सपोजर: लंबी सर्दियों या लगातार बादल छाए रहने वाले क्षेत्रों में रहने से आपका सूर्य एक्सपोजर कम हो सकता है.

-स्किन का रंग: गहरे रंग की त्वचा में ज्यादा मेलेनिन होता है, जो सूरज की रोशनी से विटामिन डी का उत्पादन करने की त्वचा की क्षमता को कम कर सकता है.

-उम्र: जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी त्वचा की विटामिन डी पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है.

इन वजहों से बहुत से लोगों को केवल सूरज से पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिल पाती है, जिससे उन्हें डाइट और दूसरे मेथड अपनाने पड़ते हैं. 

विटामिन डी के दो रूप
विटामिन डी दो प्राथमिक रूपों में आती है: विटामिन डी2 (ergocalciferol) और विटामिन डी3 (cholecalciferol). 

1. विटामिन डी2 

विटामिन डी2 मुख्य रूप से पौधों के स्रोतों और खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. उदाहरण के लिए, सूरज की रोशनी या यूवी प्रकाश के संपर्क में आने वाले मशरूम में एर्गोस्टेरॉल होता है, जिसे विटामिन डी2 में परिवर्तित किया जा सकता है. इसके अलावा, दूध, संतरे का रस और अनाज भी विटामिन डी2 होता है. 

2. विटामिन डी3 

विटामिन डी3  एनिमल सोर्स जैसे फैटी मछली (जैसे सैल्मन और मैकेरल), मछली के लिवर का तेल, अंडे की जर्दी और बीफ लीवर में पाया जाता है. खून में विटामिन डी के लेवल को बढ़ाने और बनाए रखने में विटामिन डी3 आम तौर पर विटामिन डी2 की तुलना में ज्यादा प्रभावी होती है. 

अगर आप शाकाहारी हैं, तो विटामिन डी2 आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. वहीं क्रोनिक किडनी रोग वाले व्यक्तियों के लिए, डॉक्टर विटामिन डी2 की सिफारिश करना पसंद कर सकते हैं. लेकिन सबसे बेहतर है कि आप किसी हेल्थकेयर एक्सपर्ट या प्रोफेशनल की मदद लें. 
 

 

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