विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी देशों को इंटीग्रेटेड सर्विलांस के जरिए इन्फ्लूएंजा और SARS-CoV-2 वायरस के एक साथ प्रसार को मोनिटर करने के लिए कहा है. WHO ने कहा कि देशों को सीधे या क्षेत्रीय प्लेटफार्मों के माध्यम से इन्फ्लूएंजा वायरस पर नज़र रखने के लिए एक ग्लोबल वेब-बेस्ड टूल RespiMART (FluNet और FluID) पर सभी रिजल्ट्स को फीड करना चाहिए.
WHO के अनुसार, डायग्नोसिस में इन्फ्लूएंजा को शामिल करना चाहिए, विशेष रूप से हाई-रिस्क ग्रुप के लिए, और परीक्षण और उपचार के लिए राष्ट्रीय और डब्ल्यूएचओ दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए. डब्ल्यूएचओ ने एक रिपोर्ट में कहा कि दक्षिणपूर्व एशिया में, मुख्य रूप से A (H1N1) pdm09 और A (H3N2) वायरस का पता चला है और इन्फ्लूएंजा गतिविधि में निरंतर बढ़ोतरी हुई है.
यह डेवलपमेंट भारत के लिए महत्वपूर्ण है. क्योंकि कुछ दिनों पहले तक देश लगातार इन्फ्लूएंजा के प्रकोप का सामना कर रहा है. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के आंकड़ों के मुताबिक, 31 मई तक H1N1 के कम से कम 1,995 मामले सामने आए हैं और संक्रमण के कारण 26 मौतें हुई हैं. आपको बता दें कि H1N1 को स्वाइन फ्लू कहते हैं. और यह इनफ्लूएंजा A वायरस का एक टाइप है. H3N2 भी इनफ्लूएंजा A वायरस का ही एक टाइप है.
क्या हैं H3N2 के लक्षण
H3N2 फ्लू संक्रामक है और COVID-19 और अन्य मौसमी फ्लू जैसे ड्रॉप्लेट्स इन्फेक्शन से फैलता है. आप किसी संक्रमित सतह के संपर्क में आने और उसके तुरंत बाद अपना चेहरा, आंख या मुंह छूने से वायरस की चपेट में आ सकते हैं. किसी संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने पर भी आपको यह संक्रमण हो सकता है. एक बार जब आपके लक्षण विकसित हो जाते हैं, तो वे 5 या 7 दिनों तक रह सकते हैं.
H3N2 फ़्लू के लक्षण अन्य मौसमी फ़्लू के समान ही होते हैं और इनमें शामिल हैं:
H3N2 वायरस से बचाव
किसी भी प्रकार के वायरल संक्रमण को रोकने के लिए सावधानियों में सबसे पहले टीका लगवाना शामिल है. अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोकर अपने आस-पास को साफ-सुथरा रखें. ऐसे लोगों के संपर्क से बचें जो बीमार हैं. अगर उनके पास जाएं तो मास्क पहनकर रखें. छींक आए या खांसी, हमेशा मुंह पर हाथ या रूमाल रखें.
क्या है ट्रीटमेंट
H3N2 फ़्लू का उपचार व्यक्ति के लक्षणों और गंभीरता पर निर्भर करता है. H3N2 के मामलों का इलाज किसी भी अन्य मौसमी फ्लू की तरह किया जाता है:
अगर आप इन हाई-रिस्क कैटेगरी में आते हैं तो तत्काल मेडिकल केयर लें: