Gardening May Treat Sleep Disorders: स्लीपिंग डिसऑर्डर के इलाज में मदद कर सकती है आपकी Gardening की आदत

सेहत से जुड़ी एक नई स्टडी में अनिद्रा का अनोखा इलाज खोजा गया है. शोध में वैज्ञानिकों ने नींद न आने और गार्डनिंग से संबंधित समस्याओं के बीच संबंधों की जांच की, जिससे पता चला कि जो लोग गार्डनिंग करते हैं उन्हें नींद न आने की समस्या कम होती है.

(Photo: Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2024,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST
  • गार्डनिंग स्लीप एपनिया की समस्याओं को कम करती है
  • गार्डनिंग से नींद की समस्या का खतरा 42 प्रतिशत कम

बहुत से लोगों को पेड़-पौधे और फूलों से खास लगाव होता है. जिसकी वजह से उन्हें गार्डनिंग करना काफी पसंद होता है. अगर आपको भी गार्डनिंग का शौक है तो आपकी ये आदत स्लीपिंग डिसऑर्डर को कम करने में मदद कर सकती है. सेहत से जुड़ी एक नई स्टडी में इसका खुलासा हुआ है.

रिसर्च में वैज्ञानिकों ने नींद न आने और गार्डनिंग से संबंधित समस्याओं के बीच संबंधों की जांच की, जिससे पता चला कि जो लोग गार्डनिंग करते हैं उन्हें नींद न आने की समस्या कम होती है. ये रिसर्च जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर में प्रकाशित की गई है.

गार्डनिंग स्लीप एपनिया की समस्याओं को कम करती है
इस रिचर्स में इस बात पर फोकस किया गया है कि कैसे गार्डनिंग अनिद्रा, दिन में नींद आने और स्लीप एपनिया की समस्याओं को कम करती है. दिल संबंधित रोग और न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार खराब नींद का कारण बनते हैं. लेकिन अगर आप अपने खाली समय में गार्डनिंग करते हैं तो इससे स्लीप एपनिया का खतरा कम होता है.

कैसे की गई रिसर्च
फुडन यूनिवर्सिटी के डीन और प्रोफेसर जियांग गाओ के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में बागवानी को शारीरिक गतिविधि के रूप में रेखांकित किया गया है. जो न केवल मांसपेशियों को मजबूत करती है बल्कि चोट लगने का जोखिम भी सबसे कम करती है. रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने 10 अलग-अलग अमेरिकी राज्यों के 62,098 वयस्कों के डेटा का विश्लेषण किया. इस अध्ययन का उद्देश्य यह पता लगाना था कि क्या बागवानी नींद की समस्याओं से जुड़ी है.

गार्डनिंग से नींद की समस्या का खतरा 42 प्रतिशत कम
रिसर्च में सामने आया कि जो लोग व्यायाम और बागवानी में लगे हुए थे उन्हें नींद की शिकायत का अनुभव होने की संभावना कम थी. खासतौर से गार्डनिंग में नींद की समस्या होने की संभावना 42 प्रतिशत कम पाई गई, जबकि एक्सरसाइज करने वाले लोगों में स्लीपिंग डिसऑर्डर होने की संभावना 33 प्रतिशत कम थी.

 

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