कोरोना से लड़ाई के लिए WHO ने सुझाए दो नए ट्रीटमेंट, हॉस्पिटल जाने की नहीं आएगी नौबत

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए दो नए ट्रीटमेंट को मंजूरी दी है. कोरोना वायरस के नए वैरिएंट की वजह से हेल्थ केयर सिस्टम पर खास ही दबाव आया है. इसके लिए डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने गठिया की दवा बारिसिटिनिब (baricitinib) और सिंथेटिक एंटीबॉडी उपचार सोट्रोविमैब (sotrovimab) की सिफारिश की है .

WHO suggest to new treatment for Covid-19 patients WHO suggest to new treatment for Covid-19 patients
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:29 AM IST
  • प्रभावी साबित हुई सोट्रोविमैब
  • हॉस्पिटल जाने की नहीं आएगी नौबत

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए दो नए ट्रीटमेंट को मंजूरी दी है. कोरोना वायरस के नए वैरिएंट की वजह से हेल्थ केयर सिस्टम पर खास ही दबाव आया है. इसके लिए डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने गठिया की दवा बारिसिटिनिब (baricitinib) और सिंथेटिक एंटीबॉडी उपचार सोट्रोविमैब (sotrovimab) की सिफारिश की है ताकि गंभीर बीमारी और कोविड -19 से होने वाली मौत को रोका जा सके.

नहीं पड़ेगी वेंटिलेटर की आवश्यकता
विशेषज्ञों ने गंभीर कोविड रोगियों के इलाज के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (corticosteroids) के संयोजन में इंटरल्यूकिन -6 (IL-6) रिसेप्टर ब्लॉकर्स के विकल्प के रूप में Baricitinib के उपयोग की सिफारिश की है.  उन्होंने सुझाव दिया कि गंभीर कोविड रोगियों में कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के साथ बारिसिटिनिब के उपयोग से जीवित रहने की दर बेहतर हुई और वेंटिलेटर की आवश्यकता कम हो गई.

कम होगी कीमत
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि टोसीलिज़ुमैब (tocilizumab) और सेरिलुमाब (sarilumab) जैसे बैरिकिटिनिब और आईएल -6 रिसेप्टर ब्लॉकर्स के समान प्रभाव होते हैं.  इसी हिसाब से निर्णय भी लागत और चिकित्सक के अनुभव को देखते हुए लिया जाना चाहिए. उन्होंने कम गंभीर कोविड रोगियों के लिए सोट्रोविमैब की भी सिफारिश की, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने का सबसे अधिक खतरा रहता है. इसमें ज्यादातर बुजुर्ग और किसी पुरानी बीमारी से ग्रसित लोग आते हैं. 

प्रभावी साबित हुई सोट्रोविमैब
कम गंभीर बीमारी वाले रोगियों में सोट्रोविमैब के उपयोग से अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम में काफी कमी आई और कम जोखिम वाले लोगों में मामूली लाभ हुआ. हालांकि, दिशानिर्देशों के अनुसार दवा का मृत्यु दर और मेकेनिकल वेंटिलेशन पर शायद बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. निर्देश में कहा गया, "एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार की सिफारिश करने के लिए अपर्याप्त डेटा था."

 

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