WHO की चेतावनी...गर्भवती महिलाओं और बच्चों में तेजी से फैल रहा Monkeypox

मंकीपॉक्स का वायरस गर्भवती महिलाओं, इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड लोगों (immunocompromised people) और बच्चों जैसे कमजोर लोगों में तेजी से फैल रहा है. हालांकि WHO ने फिर भी इसे वैश्विक आपातकाल घोषित नहीं करने का फैसला किया है.

Monkeypox spread
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2022,
  • अपडेटेड 9:36 PM IST
  • 4 हजार से अधिक मामले आए सामने
  • बच्चों में गंभीर मामला नहीं

WHO ने पिछले बुधवार को मंकीपॉक्स से जुड़ा दुनियाभर का जो डेटा जारी किया था उसके अनुसार मंकीपॉक्स के 3,400 मामले पाए गए हैं. इनमें से एक संक्रमित व्यक्ति की मौत की पुष्टि भी हुई है. इसमें से ज्यादातर मामले यूरोप से आ रहे हैं. आठ नए देशों में मंकीपॉक्स के मामले पाए गए हैं. वहीं अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को बढ़ रहे मामलों को लेकर चिंता जाहिर की है. 

बच्चों में गंभीर मामला नहीं
WHO ने कहा कि वह इस बात को लेकर चिंतित है कि मंकीपॉक्स का वायरस गर्भवती महिलाओं, इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड लोगों (immunocompromised people) और बच्चों जैसे कमजोर लोगों में तेजी से फैल रहा है. डब्लूएचओ इस समय अमेरिका में संक्रमित दो बच्चे और साथ ही फांस और स्पेन में संक्रमित बच्चों की रिपोर्ट की जांच कर रहा है. हालांकि बच्चों में कोई भी मामला गंभीर नहीं है.

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने कहा, "मैं निरंतर टांसमिशन को लेकर चिंतित हूं क्योंकि यह सुझाव देगा कि क्या वायरस खुद को स्थापित कर रहा है. यह बच्चों, कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले लोगों और गर्भवती महिलाओं सहित उच्च जोखिम वाले समूहों में तेजी से फैल सकता है." 

4 हजार से अधिक मामले आए सामने
अब तक 50 से अधिक देशों से मंकीपॉक्स संक्रमण के 4000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य एजेंसी ने यह भी कहा कि वह वर्तमान में मंकीपॉक्स के प्रकोप पर करीब से नजर रख रही है और वह जल्द से जल्द एक आपातकालीन समिति का पुनर्गठन करेगी.

यहां तक ​​​​कि मामलों में अचानक वृद्धि के बावजूद डब्ल्यूएचओ ने पिछले हफ्ते मंकीपॉक्स को वैश्विक आपातकाल घोषित नहीं करने का फैसला किया. WHO ने कहा कि वह वैक्सीन-शेयरिंग मैकेनिज्म पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि आपातकाल घोषित होने से लोगों के बीच डर पैदा होगा और टीके अमेरिका जैसे अमीर देशों में जा सकते हैं जिसके पास पहले से ही उसका भंडार है. हालांकि मंकीपॉक्स अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दशकों से एनडेमिक है, लेकिन वहां पिछले प्रकोपों ​​​​पर मुहर लगाने के लिए टीकों का उपयोग नहीं किया गया है.

नए वैरिएंट में कम है म्यूटेशन
हाल ही के कुछ अध्ययनों से पता चला है कि वर्तमान प्रकोप पैदा करने वाले वायरस में अफ्रीका में पैदा हुए वैरिएंट की तुलना में म्यूटेशन कम हैं. UNSW सिडनी अध्ययन के अनुसार अभी इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि ये म्यूटेशन क्लिनिकल डिजीज और वायरस कैसे फैलता है इस चीज को प्रभावित करती हैं या नहीं.

क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण?
अधिकांश मंकीपॉक्स रोगियों को केवल बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगना और थकान का अनुभव होता है. अधिक गंभीर रोगियों के चेहरे और हाथों पर दाने और घाव हो सकते हैं जो शरीर के अन्य भागों में फैल सकते हैं. मंकीपॉक्स से संक्रमित अधिकांश लोगों को चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता नहीं पड़ती और वो एक हफ्तों के भीतर ठीक हो जाते हैं लेकिन गर्भवती महिलाओं और बच्चों जैसे कमजोर इम्यूनिटी के लोग अधिक गंभीर हो सकते हैं.

 

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