क्यों ओमिक्रॉन के लक्षण हैं कॉमन कोल्ड जैसे, रिसर्चर्स ने दिया जवाब

Omicron Variant Symptoms: भारत में ओमिक्रॉन की दस्तक हो चुकी है. बेंगलुरु में दो मरीजों की ओमिक्रॉन पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है तो कई जगहों पर बहुत से लोगों संदिग्ध केटेगरी में रखा गया है. हालांकि ओमिक्रॉन पॉजिटिव मरीजों के लक्षण अभी हल्के और सामान्य हैं. ओमिक्रॉन के लक्षण कॉमन कोल्ड जैसे हैं. तो क्या यह वेरिएंट कोरोना के अन्य वेरिएंट के मुकाबले में कम खतरनाक है?

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  • नई दिल्ली ,
  • 04 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:01 PM IST
  • कैंब्रिज के रिसर्चर्स की खोज
  • कॉमन कोल्ड जैसे हैं ओमिक्रॉन के लक्षण

भारत में ओमिक्रॉन की दस्तक हो चुकी है. बेंगलुरु में दो मरीजों की ओमिक्रॉन पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है तो कई जगहों पर बहुत से लोगों संदिग्ध केटेगरी में रखा गया है. हालांकि ओमिक्रॉन पॉजिटिव मरीजों के लक्षण अभी हल्के और सामान्य हैं. ओमिक्रॉन के लक्षण कॉमन कोल्ड जैसे हैं. 

तो क्या यह वेरिएंट कोरोना के अन्य वेरिएंट के मुकाबले में कम खतरनाक है? हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि यह म्युटेशन की वजह से है, जिसके दौरान इस वायरस ने किसी अन्य वायरस जैसे कॉमन कोल्ड वायरस से जेनेटिक मटेरियल लिया हो.

कैंब्रिज के रिसर्चर्स का शोध:  

कैंब्रिज के वेंकी सुंदरराजन के नेतृत्व में एक अध्ययन में यह पता चला है कि यह म्युटेशन उस सेल में हुआ होगा जो SARS-CoV-2 और कॉमन कोल्ड वायरस दोनों को होस्ट कर सकता है. 

रॉयटर्स के मुताबिक इस रिसर्च का मतलब यह हो सकता है कि यह वायरस अधिक आसानी से फैलता है. लेकिन इससे हल्की या असिम्पटोमैटिक बीमारी ही होती है. हालांकि अभी रिसर्च चल रही है और बहुत से सवाल जैसे अन्य वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन अधिक संक्रामक है, क्या यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनता है या क्या यह डेल्टा से खतरनाक है आदि के उत्तर दिया जाना है.  

ओमिक्रॉन के नए लक्षणों (omicron variant symptoms) को देखकर लगता है कि यह वायरल रिकॉम्बिनेशन का परिणाम हो सकता है. यह एक एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक ही होस्ट सेल में दो अलग-अलग वायरस खुद की कॉपी बनाते समय परस्पर क्रिया करते हैं. उनकी जो नई कॉपी बनती हैं उनमें दोनों वायरस का जेनेटिक मटेरियल होता है.

कोरोना ने अन्य वेरिएंट्स से अलग हैं ओमिक्रॉन के लक्षण:  

इस अध्ययन के अनुसार, ओमिक्रॉन दोनों पैथोजन से संक्रमित व्यक्ति में हो सकता है. जहां SARS-CoV-2 के एक वेरिएंट ने दूसरे वायरस से जेनेटिक सीक्वेंस को ले लिया है और इसलिए ओमिक्रॉन आनुवंशिक अनुक्रम पहले के वेरिएंट्स से मेल नहीं खाता है. और न ही इसके लक्षण अन्य कोविड वेरिएंट के लक्षणों से मेल खाते हैं. 

सुंदरराजन का कहना है कि यह जेनेटिक सिक्वेंसिंग कई बार कोरोनावायरस के एक वेरिएंट- HCoV-229E में दिखती है और इसके कारण लोगों को सर्दी/कोल्ड होता है. और यही जेनेटिक सिक्वेंसिंग ह्यूमन इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (एचआईवी) में दिखती है, जो एड्स का कारण बनता है. 

दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने भी पहले संकेत दिया है कि ओमिक्रॉन किसी ऐसे व्यक्ति के शरीर में इन्क्यूबेट हुआ है, जिसका इम्यून सिस्टम एचआईवी या किसी स्थिति से प्रभावित था. 

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