हर साल 1 दिसंबर को दुनिया भर में विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जाता है. एड्स एक लाइलाज बीमारी है और ये HIV (human immunodeficiency virus) के जरिए फैलती है. इस रोग से ग्रसित व्यक्ति को ऑर्गन फेल्योर और कई तरह के संक्रमण से जूझना पड़ता है. एचआईवी/एड्स एक ऐसा संक्रामक रोग है, जिसके बारे में जानकारी ही बचाव है. ऐसे में इस लाइलाज बीमारी के बारे में दुनियाभर में जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है.
विश्व एड्स दिवस पहली बार 1 दिसंबर,1988 को मनाया गया था. पहली बार 1987 में एड्स पर वैश्विक कार्यक्रम के लिए दो सार्वजनिक सूचना अधिकारियों जेम्स डब्ल्यू. बन और थॉमस नेटर ने प्रस्ताव दिया था.1996 में, UNAIDS ने विश्व एड्स दिवस के संचालन को अपने हाथ में ले लिया. वर्ल्ड एड्स डे का मकसद एड्स से ग्रसित लोगों की मदद के लिए धन जुटाना, लोगों में एड्स के खिलाफ जागरूकता फैलाना है. साथ ही एचआईवी पीड़ित लोगों के खिलाफ हो रहे है भेदभाव को रोकना और एड्स से जुड़े मिथकों को दूर कर लोगों को शिक्षित करना है.
इस साल विश्व एड्स दिवस 2021 की थीम 'असमानताओं को समाप्त करें, एड्स खत्म करें' है. WHO का कहना है कि इस साल का मुख्य एजेंडा दुनियाभर में जरूरी एचआईवी सेवाओं में बढ़ती असमानताओं को उजागर करना है. WHO के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में 37.7 मिलियन लोग HIV संक्रमित थे. 2020 में एचआईवी से 680000 लोगों की मौत हुई और 1.5 मिलियन लोगों को एचआईवी संक्रमण हुआ.
एड्स के लक्षण-
कई बार एड्स से संक्रमित लोगों में कई सालों तक कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, वहीं कुछ में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देंगे. इनमें बुखार, सिरदर्द, थकान, गले में खराश जैसे लक्षण हैं. ये लक्षण आमतौर पर संक्रमण के एक या दो महीने के भीतर दिखते हैं, जबकि कुछ लोगों में यह दो हफ्ते बाद तक हो सकता है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एचआईवी के लक्षण थोड़े अलग होते हैं. महिलाओं में एचआईवी के प्रमुख लक्षणों में शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना, पीरियड्स रुक जाना, फ्लू या हल्का बुखार होना, हद से ज्यादा थकान होना, भूख कम लगना शामिल हैं.
HIV के शुरुआती लक्षण-
* बुखार
* सिरदर्द
* थकान
* सूजी हुई ग्रंथियां
* रैशेज
* गले में खराश
*मांसपेशियों/जोड़ों का दर्द
* रात को पसीना
* दस्त
* जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती है, एचआईवी से संक्रमित लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है.
क्या हैं एड्स होने के कारण ?
*खून चढ़ाने के दौरान एचआईवी संक्रमित खून का इस्तेमाल होने से.
*एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाना.
*एचआईवी से ग्रसित मां से भी यह वायरस बच्चे में जा सकता है.
* संक्रमिक सूईं या सिरिंज का इस्तेमाल करने से.
*सैलून या टैटू की दुकान पर संक्रमित उपकरणों के इस्तेमाल से.
एड्स का इलाज-
एड्स का न ही कोई इलाज है और न ही इसकी कोई वैक्सीन अब तक बनी है. इसका एकमात्र उपाय है बचाव.एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाएं. स्टरलाइज़्ड सुई का इस्तेमाल करें. एड्स के खिलाफ जागरुकता ही बचाव है.