मई महीने के पहले मंगलवार को पूरे विश्व में विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day 2022) मनाया जाता है. अस्थमा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है. साल की थीम रखी गई है क्लोजिंग गैप्स इन अस्थमा केयर. भारत में लगभग तीन करोड़ लोग दमा (अस्थमा) से पीड़ित हैं. यह एक लंबे समय तक चलने वाली सूजन संबंधित बीमारी है, जो सांस लेने की क्षमता को प्रभावित करती है.
ये हैं दमा के लक्षण
अस्थमा बच्चों में सबसे आम बीमारी है लेकिन यह युवाओं से लेकर वयस्कों में कभी भी हो सकता है. दमा से सांस फूलने, सीने में जकड़न और खांसी जैसी समस्याएं होती हैं. जब किसी मरीज में यह लक्षण बढ़ जाते हैं तो मरीज को अस्थमा अटैक आता है. हालांकि खानपान या हेल्दी दिनचर्या के साथ-साथ योग करने से अस्थमा की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है. इसके अलावा इनहेलर दमा रोगियों के लिए बचाव का सबसे सुरक्षित तरीका है. अगर इनमें से कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और समय पर इलाज कराएं.
अस्थमा को स्थायी रूप से तो ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन इससे बचा जरूर जा सकता है.
ये है बचाव का तरीका
ठंडी हवा के सीधे संपर्क में आने से बचें
शारीरिक गतिविधियों का ध्यान रखें.
वायुजनित एलर्जी जैसे धूल के कण, पालतू जानकों के बाल आदि से अपना बचाव करें.
मौसम के बदलाव के समय खुद को सुरक्षित रखें.
दमा रोगियों को इनहेलर हमेशा अपने पास रखना चाहिए. इनहेलर से दमा की दवा तुरंत मरीजों के फेफड़ों तक पहुंचती है और यह सबसे सुरक्षित तरीका है.
धनुरासन करने से अस्थमा को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.
धूम्रपान करने से बचें, उन लोगों के संपर्क में भी आने से बचे जो सिगरेट पीते हैं.