आज वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे है. इस गंभीर बीमारी से जागरूकता फैलाने के लिए दुनियाभर में World Brain Tumor Day मनाया जाता है. इस बार वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डेकी थीम है- Together We Are Stronger. साल 2000 में जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन द्वारा वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे की शुरुआत की गई. ब्रेन ट्यूमर 130 प्रकार के होते हैं. कैंसर रिसर्च यूके के मुताबिक यूके में हर साल 10,900 लोग ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित हो रहे हैं. ब्रेन ट्यूमर उम्र के साथ बढ़ता है लेकिन कैंसर की तरह यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है. इस बीमारी का शुरुआत में इलाज करा लिया जाए, तो पूरी तरह से ठीक होने की संभावना ज्यादा रहती है.
दिमाग में 100 अरब न्यूरॉन्स होते हैं
दिमाग हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग होता है. दिमाग में एक ट्यूमर या चोट हमारे व्यक्तित्व को पूरी तरह बदल सकती है. एक सामान्य व्यक्ति के दिमाग में 100 अरब न्यूरॉन्स होते हैं. न्यूरॉन्स बिजली और रासायनिक संकेतों के माध्यम से अन्य तंत्रिका कोशिकाओं को सूचना के भेजते हैं. कोशिकाओं का नियंत्रण बिगड़ने से दिमाग के सेल्स खत्म होने लगते हैं, इससे ब्रेन ट्यूमर होता है.
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण क्या है
ब्रेन ट्यूमर बच्चों में दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है. ब्रेन ट्यूमर का सबसे आम लक्षण है सिर दर्द. इसके अलावा उल्टी होना, जल्दी थकान महसूस करना, ध्यान लगाने में कमी, चलते समय पैरों का लड़खड़ाना, याददाश्त कमजोर होना, स्वभाव में बदलाव, बोलने, सुनने या देखने में परेशानी होना, रंगों को समझने में परेशानी होना ब्रेन ट्यूमर के आम लक्षण हैं. अगर बॉडी में किसी तरह के झटके महसूस होते हैं, बिना किसी वजह से शरीर में कंपन होता है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. कई बार बिना किसी लक्षण के भी व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर हो सकता है.
किसे होता है ब्रेन ट्यूमर
वैसे तो यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है. लेकिन जो लोग एक्स-रे और आयोनाइजिंग रेडिएशन के संपर्क में ज्यादा रहते हैं, उन्हें ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा अधिक होता है. इसके अलावा अगर आपके परिवार में किसी को ब्रेन ट्यूमर है तो आपके दिमाग को भी ट्यूमर होने का खतरा रहता है. लंबे समय तक धूम्रपान करने वाले लोगों को भी ब्रेन ट्यूमर का खतरा रहता है. जो बच्चे कैंसर से जूझ रहे हैं उन्हें ब्रेन ट्यूमर का खतरा ज्यादा होता है.
बचाव और इलाज के तरीके
इस जानलेवा बीमारी का जितनी जल्दी पता चल जा, इलाज करना उतना ही आसान हो जाता है. एमआरआई स्कैन, सीटी स्कैन, एमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी, पीईटी स्कैन, बायोप्सी के जरिए इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है. ब्रेन ट्यूमर को बढ़ने से रोकने के लिए रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है. यह उपचार दर्दभरा नहीं होता है. हालांकि इसके साइड इफेक्ट्स जरूर होते हैं.
कभी-कभी सिर दर्द हो तो कोई बात नहीं, लेकिन अगर आपको लगातार कई दिनों से सिर दर्द हो रहा हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ब्रेन ट्यूमर से बचने के लिए आपको हेल्दी डाइट के साथ योग करना चाहिए.