World Cancer Day: मुमकिन है इस खतरनाक बीमारी से निजात पाना

आज के समय में कैंसर के लिए बेहतर जांच और इलाज मौजूद हैं, जिनकी बदौलत मरीज पहले से कहीं ज्यादा समय तक जी पा रहे हैं . डॉक्टरों का मानना है कि नियमित जांच कराने से बीमारियां जल्दी पकड़ में आती हैं और उनका इलाज आसान हो जाता है

World Cancer Day
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:39 AM IST
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल पर साल 1933 में पहला कैंसर दिवस मनाया गया था
  • इस साल विश्व कैंसर दिवस को क्लोज द केयर गैप थीम दिया गया है

World Cancer Day 2022: आज World Cancer Day है. कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो सही समय और स्टेज पर पता न चले, तो जानलेवा हो सकती है. हर साल लाखों लोग कैंसर की वजह से मौत का शिकार बन रहे हैं. हर साल लाखों नए मरीज सामने आ रहे हैं. अगर वक्त पर बचाव और सावधानी नहीं बरती गई, तो इस बीमारी से मौत निश्चित होती है. हर साल कैंसर दिवस पर नई थीम जारी की जाती है जिसके तहत कैंसर को लेकर गलतफहमियां दूर करने और जनता को कैंसर के खतरों के बारे में जागरुक  (Awareness About The Dangers Of Cancer ) करने के साथ साथ इसके लक्षणों और बचाव के बारे में जानकारी देने के लिए यह दिन मनाया जाता है.

कैसे हुई  कैंसर डे की शुरूआत 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल पर साल 1933 में पहला कैंसर दिवस जिनेवा, स्विट्जरलैंड में मनाया गया था. तबसे अब तक हर साल कैंसर डे मनाया जाता है, हर साल इसकी थीम अलग-अलग होती है. इसके पीछे मकसद ये है, कि आम लोगों को कैंसर के खतरों के बारे में जागरूक और इसके लक्षण से लेकर इसके बचाव के बारे में जानकारी दी जा सके. कई लोगों में गलतफहमी होती हैं, कि कैंसर छूने से भी फैलता है, जिसकी वजह से लोग कैंसर के रोगियों से अच्छा बरताव नहीं करते हैं. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि ये धारणा पूरी तरह गलत है. हमें इन मरीजों से भेदभाव करने की जगह उनका साथ देना चाहिए. 

विश्व कैंसर दिवस की थीम 2022

इस साल विश्व कैंसर दिवस (world cancer day) को क्लोज द केयर गैप (Close The Care Gap ) थीम के साथ मनाया जा रहा है.

कौन था कैंसर का पहला मरीज़

कैंसर शब्द की उत्पत्ति का श्रेय यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स (460-370 ईसा पूर्व) को दिया जाता है. इन्‍हें " फादर ऑफ डिजिज" भी माना जाता है. हिप्पोक्रेट्स ने गैर-अल्सर बनाने और अल्सर बनाने वाले ट्यूमर की जानकारी देने के लिए कार्सिनो और कार्सिनोमा शब्द को चुना था. ग्रीक भाषा में, ये शब्द एक केकड़े से जुड़ा है. 70-80 करोड़ साल पहले डायनासोर जीवाश्मों में कैंसर सेल्स के प्रमाण देखे गए. 2003 में कई शोध के बाद इस बात का पता चला. वहीं 4.2-3.9 करोड़ साल पहले होमो इरेक्टस में सबसे पुराना होमिनिड मेलिग्नेंट ट्यूमर पाया गया. 1932 में लुइस लीके ने इस बात की जानकारी दी थी. 

भारत में कितने हैं कैंसर के मरीज

डब्लूएचओ की ही रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 2018 में महिलाओं में कैंसर के 5.87 लाख मामले आए थे जबकि पुरुषों में यह संख्या 5.70 लाख थी. हालांकि कैंसर से हुईं मौतों के मामले में पुरुषों की संख्या महिलाओं से 42 हजार ज्यादा थी. 2018 में कैंसर से 4.13 लाख पुरुषों की मौत हुई जबकि महिलाओं की संख्या 3.71 लाख थी. भारत में पिछले चार साल के पीछे कैंसर रोगियों की संख्‍या में लगभग 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. नैशनल कैंसर रजिस्‍ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट 2020 के मुताबिक, इस वक्‍त देश में कैंसर के 13.9 लाख मामले हैं. 

कितने तरह के होते हैं कैंसर (Type of cancer)
डॉक्टर्स और शोधकर्ताओं ने कैंसर के करीब 200 से भी ज्यादा प्रकारों (common types of cancer) का पता लगाया है, इनके लक्षण भी अलग अलग होते हैं. लेकिन कुछ कैंसर लोगों में जल्दी फैलते हैं जैसे- 

1.ब्लड कैंसर 
आमतौर पर ब्लड कैंसर सबसे ज्यादा होता है, इस टाइप के कैंसर में इंसान के शरीर की ब्लड कोशिकाओं में कैंसर जन्म ले लेता है और इससे शरीर में खून की भी कमी हो जाती है. इतना ही नहीं बल्ड कैंसर बहुत तेज़ी के साथ पूरे शरीर में फैल जाता है. 

2.फेफड़ों का कैंसर 
फेफड़े का कैंसर बहुत खतरनाक माना जाता है. मरीज को सांस लेने में भी काफी तकलीफ होती है, इससे बलगम जमना, हड्डियों-जोड़ों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और भूख ना लगना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. 

3.स्किन कैंसर 
एक शोध के मुताबिक पिछले कुछ समय में स्किन कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सुनने को मिले हैं. स्किन कैंसर सबसे ज्यादा गर्मी में रहने की वजह से होता है, इसके अलावा खान पान बेहतर ना होने की वजह से भी ये कैंसर पैदा हो सकता है. 

4.ब्रेन कैंसर 
ब्रेन कैंसर व्यक्ति के सिर में पैदा होता है इसे ब्रेन ट्यूमर भी कहते हैं, इस कैंसर जूझ रहे व्यक्ति के दिमाग वाले भाग में एक गांठ बन जाती है जो समय के साथ साथ बढ़ने लगती है और फिर पूरे दिमाग में अपना जगह बना लेती है. 

5.ब्रेस्ट कैंसर
स्तन कैंसर को ब्रैस्ट कैंसर भी कहते हैं ये महिलाओं में ज्यादा देखी गई है.ब्रेस्ट कैंसर पुरूषों में बहुत कम होता है, इस टाइप के कैंसर में महिलाओं के ब्रेस्ट में एक गांठ बन जाती है जो समय के साथ साथ बढ़ती और काफी ज्यादा दर्द महसूस होता है.  

6.मुंह का कैंसर 
ये कैंसर गुटका,पान मसाले खाने वालों में ज्यादा होता है, इससे मुंह में घाव पैदा हो जाता है जो बाद में कैंसर की शक्ल ले लेता है.

7.लिवर कैंसर
खानपान में गड़बड़ी आ लिवर में बीमारी होने की वजह से लिवर कैंसर हो जाता है, इससे लिवर में कैंसर की कोशिकाएं पैदा होती हैं,जो धीरे धीरे लिवर को खत्म कर देती हैं.  

8.बोन कैंसर
ये कैंसर हड्डीयों में पैदा होता है, कई बार हड्डियों में चोट लगने  की वजह या पुराने चोट की वजह  भी बोन कैंसर पैदा हो जाता है. 

9.पेट का कैंसर
गलत खानपान की वजह पेट के किसी हिस्से में कैंसर की कोशिकाएं बढ़ जाती हैं, जिसपे शरीर का कोई भाग अपना कंट्रोल खो देता है. ये कैंसर काफी जानलेवा होती है. 

10.लंग कैंसर 
लंग कैंसर भी सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है, ये कैंसर शराब पीने, गुटका खाने और नशीले पदार्थों (what are the five types of cancer) का इस्तेमाल करने की वजह से गले में पैदा होती है

क्या कैंसर का इलाज मुमकिन है

पिछले कुछ सालों में कैंसर के इलाज में जरूरी बदलाव आए हैं. आज के समय में कैंसर के लिए बेहतर जांच और इलाज मौजूद हैं, जिनकी बदौलत मरीज पहले से कहीं ज्यादा समय तक जी पा रहे हैं. डॉक्टरों का मानना है कि नियमित जांच कराने से बीमारियां जल्दी पकड़ में आती हैं और उनका इलाज आसान हो जाता है. कैंसर के लक्षण (Cancer symptoms) इस बात पर निर्भर करते हैं कि कैंसर कहां है, कितना बड़ा है और यह आस-पास के अंगों या ऊतकों को कितना प्रभावित करता है अगर कैंसर फैल गया है, तो शरीर के तमाम हिस्सों में लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

 

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