आज विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day) है. कैंसर के करीब 18 फीसदी मामलों के लिए खराब पोषण, मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता और शराब का सेवन जिम्मेदार है. अच्छी डाइट उन तमाम परिस्थितियों को कम कर सकती है, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ता है. पौधों पर आधारित भोजन में पावरफुल माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे कि फ्लेवेनॉयड्स और कैरोटेनॉयड्स पाए जाते हैं. ये एक प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स हैं जो ऑक्सीडेशन को कम करते हैं. ऑक्सीडेशन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, जो कैंसर का कारण बनती हैं.
हम यहां कुछ ऐसे फूड के बारे में बता रहे हैं जिनका नियमित सेवन करके कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है...
दालचीनी : कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोकती है
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार दालचीनी का अर्क कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोकने में सक्षम है. एक टेस्ट ट्यूब अध्ययन में इसने सिर और गर्दन के कैंसर की कोशिकाओं को कम किया. ट्यूमर के आकार को भी घटाया.
हल्दी : कैंसर बढ़ाने वाले एंजाइम को सीधा टार्गेट करती है
हल्दी में करक्यूमिन नाम का सक्रिय घटक पाया जाता है. यह कैंसर से संबंधित विशेष प्रकार के एंजाइम को टारगेट कर उसे खत्म करता है.
लहसुन : कैंसर फैलाने वाली कोशिकाओं को मारता है
लहसुन में एलिसिन नाम का यौगिक पाया जाता है। अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के शोध में पाया गया है कि लहसुन कैंसर फैलाने वाली कोशिकाओं को मारता है, जिससे कैंसर का खतरा घटता है.
खट्टे फल : पाचन व श्वसन तंत्र के कैंसर का खतरा कम
खट्टे फलों में फाइटोन्यूट्रिएंट्स - जैसे कि कूमारिन, पॉलीफेनोल और लिमोनोइड पाए जाते हैं. ये कैंसर को बढ़ने से रोकते हैं। खट्टे फलों के सेवन से मुंह और पेट के कैंसर का खतरा 50 प्रतिशत तक कम होता है.
ग्रीन टी : ट्यूमर व कोशिकाओं को घटाती है
इसमें कैटेचिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. कैटेचिन क्षतिग्रस्त कोशिकाओं से फ्री रेडिकल्स को दूर रखता है. ट्यूमर घटाता है. संबंधित कोशिकाओं की ग्रोथ कम करता है.
ये हैं कैंसर के मुख्य लक्षण:
वजन और थकान
दिनचर्या में बिना किसी बदलाव के यदि वजन 5 किलो या उससे ज्यादा घटे. आराम के बाद थकान दूर न हो तो यह कैंसर का एक संकेत हो सकता है.
बुखार और दर्द
बुखार अधिकांशत: रात में पसीने के साथ आए और संक्रमण के कोई अन्य लक्षण न हों तो यह कैंसर का एक संकेत हो सकता है. ऐसे ही कैंसर का दर्द शरीर में लगातार रूप बदलकर बना रहता है. ऐसा ट्यूमर के एक स्थान से दूसरे स्थान पर फैलने अथवा कैंसर द्वारा केमिकल रिलीज करने के कारण होता है.