World Hemophilia Day 2023: लापरवाही करने से घातक हो सकता है हीमोफीलिया, जानिए इसके लक्षण और उपचार

भारत में हर साल हीमोफीलिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 17 अप्रैल को World Hemophilia Day मनाया जाता है.

World Hemophilia Day
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 17 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 8:34 AM IST
  • हर साल 17 अप्रैल को विश्व हीमोफिलिया दिवस के रूप में मनाया जाता है
  • जेनेटिक डिसऑर्डर है हीमोफिलिया

हीमोफिलिया एक आनुवंशिक विकार (जेनेटिक डिसऑर्डर) है. इस बीमारी में शरीर ब्लड क्लोट नहीं कर पाता है यानी कि मामूली सी चोट लगने पर भी आपका बहुत ज्यादा खून बह सकता है. यह ब्लीडिंग डिसऑर्डर कुछ क्लॉटिंग कारकों की कमी के कारण होता है और पुरुषों में होना ज्यादा आम बात है. 

जिन लोगों के परिवार में हीमोफीलिया का इतिहास रहा है, उनमें इस रोग के होने का जोखिम अधिक होता है. हीमोफिलिया को कभी-कभी शाही बीमारी भी कहा जाता है क्योंकि 19वीं और 20वीं सदी के दौरान इसने इंग्लैंड, जर्मनी, रूस और स्पेन के शाही परिवार इस बीमारी से प्रभावित थे. ऐसा कहा जाता है कि इंग्लैंड की रानी विक्टोरिया से उनके नौ बच्चों में से तीन को यह बीमारी आई. यह स्थिति कुछ क्लॉटिंग फैक्टर्स की कमी के कारण होती है, आमतौर पर हेमोफिलिया ए में फैक्टर VIII और हीमोफिलिया बी में फैक्टर IX.

हीमोफीलिया के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ही हर साल 17 अप्रैल को विश्व हीमोफिलिया दिवस के रूप में मनाया जाता है. 

हीमोफिलिया के संकेत और लक्षण 
हीमोफीलिया में चोट लगने पर बहुत ज्यादा रक्तस्राव होने के अलावा, भी इसके और कई लक्षण व संकेत हैं. जिनके बारे में सभी को पता होना चाहिए. 

  • लंबे समय तक खून बहना: हीमोफिलिया से पीड़ित व्यक्ति का सर्जरी, दंत प्रक्रियाओं, या यहां तक ​​कि मामूली कट या खरोंच के बाद लंबे समय तक खून बह सकता है. 
  • जोड़ों का दर्द और सूजन: जोड़ों में बार-बार खून बहने से दर्द, सूजन और अकड़न हो सकती है, खासकर घुटनों, टखनों और कोहनी में.
  • नाक से खून आना: बार-बार और/या लंबे समय तक नाक से खून बहना हीमोफिलिया का संकेत हो सकता है, खासकर बच्चों में.
  • मूत्र या मल में रक्त: हेमोफिलिया वाले व्यक्तियों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल में भी रक्तस्राव भी हो सकता है, जिससे मल या मूत्र में रक्त आ सकता है. 

हालांकि गहरी चोट से बहुत ज्यादा रक्तस्राव हीमोफिलिया की पहचान है, लेकिन इस स्थिति वाले व्यक्ति भी आसानी से और बार-बार चोट लग सकती है. 

निदान और उपचार
अगर किसी व्यक्ति में कोई भी संकेत और लक्षण मौजूद हैं, तो चिकित्सा पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है. खासतौर पर बच्चे के जन्म पर, अगर बच्चा लड़का है तो हीमोफीलिया टेस्ट कराने का सूझाव दिया जाता है. इसलिए अगर आपको किसी में भी हीमोफीलिया के लक्षण दिखें तो तुरंत टेस्ट कराएं. टेस्ट में यह पता किया जाता है कि ब्लड में कौन सा फैक्टर नहीं है जिस कारण ब्लड क्लोटिंग नहीं हो रही हैं. 

हीमोफिलिया का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि मिसिंग क्लोटिंग फैक्टर को रिप्लेस करना ताकि ब्लड क्लोटिंग ठीक से हो सके. और ऐसे कमर्शियली तैयार किए गए कारकों के कंसन्ट्रेट्स को नसों के माध्यम से शरीर में इंफ्यूज किया जाता है. हेमोफिलिया से पीड़ित लोग सीख सकते हैं कि इन इन्फ्यूजन को स्वयं कैसे किया जाए ताकि वे ब्लीडिंग एपिसोड को रोक सकें और नियमित रूप से इन्फ्यूजन (प्रोफिलैक्सिस कहा जाता है) करके ज्यादातर रक्तस्राव एपिसोड को रोका जा सकता है. 

नोट: यह लेख विभिन्न वेब पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के हिसाब से लिखा गया है. हीमोफीलिया के बारे में अधिक जानने के लिए आपको किसी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. 

 

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