World Homeopathy Day 2023: क्यों मनाते हैं विश्व होम्योपैथी दिवस, इस वर्ष की क्या है थीम, जानें कैसे इसके प्रति बढ़ रहा लोगों का भरोसा

आज पूरी दुनिया में Homeopathy Medicine पर लोगों का भरोसा जगा है. कोरोना काल के बाद होम्योपैथिक दवा की मांग 40 से 60 फीसदी तक बढ़ गई है. लोग इसे प्रथम उपचार पद्धति के तौर पर आजमा रहे हैं.  

10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है. (फाइल फोटो)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 11:22 AM IST
  • होम्योपैथी के जनक डॉ. सैमुअल हैनिमैन का जन्म 10 अप्रैल 1755 को हुआ था
  • कोरोना काल के बाद होम्योपैथी की दवाओं की बढ़ गई है मांग 

विश्व में हर साल 10 अप्रैल को होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है.  इसका मकसद होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के बारे में लोगों जागरूक करना है. इसी दिन होम्योपैथी के जनक डॉ. सैमुअल हैनिमैन का जन्म हुआ था. होम्योपैथी दवाओं के जरिए इलाज तो सालों से किया जा रहा है लेकिन कोरोना काल के बाद इन दवाओं की मांग काफी बढ़ गई है. क्योंकि इसके साइड इफेक्ट की संभावना कम और रोग ठीक होने की संभावना अधिक देखी गई है. 

लाइक क्योर लाइक के सिद्धांत पर आधारित
हर साल होम्योपैथी दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है. वर्ष 2023 की थीम होम्योपैथी: पीपल्स च्वॉएस फॉर वेलनेस है. जो चिंता, अवसाद आदि सहित विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए होम्योपैथी के उपयोग पर केंद्रित है. होम्योपैथी दवाएं 'लाइक क्योर लाइक' के सिद्धांत पर आधारित हैं. इसका अर्थ है कि जिस पदार्थ को कम मात्रा में लिया जाता है, वही लक्षण बड़ी मात्रा में लेने पर ठीक हो जाते हैं. होम्योपैथी ग्रीक शब्द होमियो से लिया गया है, जिसका अर्थ है समान और पाथोस, जिसका अर्थ है पीड़ा या बीमारी. 

कई गंभीर बीमारियों का इलाज संभव
होम्योपैथी में बीमारी को देखने के बजाय व्यक्ति की समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इसमें एक ही रोग से ग्रसित कई व्यक्तियों को अलग-अलग दवाएं दी जाती हैं. कोविड काल में इसका इलाज रामवाण बनकर उभरा था. होम्योपैथी दवाओं के जरिए कई गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. हालांकि इन दवाओं का कोई साइड इफ्केट नहीं है लेकिन फिर भी इनका सेवन डॉक्टरों की सलाह पर ही करना चाहिए.

बरतें सावधानी
होम्योपैथी दवाओं को छोटी-छोटी सफेद व मीठी गोलियों में मिलाकर दिया जाता और हालांकि यह तरल रूप में भी मिलती है. होम्योपैथी दवाइयां अधिकतर लाल प्याज, पर्वती जड़ी बूटियों जैसे अर्निका, बेलाडोना, सफेद आर्सेनिक जैसे पौधों और खनिज से तैयार की जाती हैं. इसके रख-रखाव में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है. इन दवाओं को सामान्य तापमान में ही रखें. होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से पहले परहेज के बारे में जानना जरूरी है, वरना एक तरफ आप समय पर दवाएं लेंगे और दूसरी तरफ परहेज न करने की वजह से इन दवाओं का असर भी नहीं होगा. 

परहेज जरूरी
होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल करने के लिए डॉक्टर एक कागज की पुड़िया बनाकर देते हैं, तो उस दवा को उस कागज की पुड़िया के द्वारा ही लें. इन दवाओं को हाथ से नहीं छूना चाहिए. ऐसा करने पर दवा असर नहीं करेगी. खाना खाने के पहले या बाद में इन दवाओं को लेते समय कम से कम 20 मिनट का अंतर रखें. होम्योपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के दौरान धूम्रपान करने से बचना चाहिए. इसके अलावा लहसुन के इस्तेमाल से भी परहेज करने के लिए कहा जाता है.


 

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