World Spine Day 2024: ज्यादा देर तक बैठे रहना आपके कमरे दर्द को बढ़ा सकता है. ऑफिस में एक ही कुर्सी पर बैठे हुए बिताए गए 9 घंटे मेंटली एग्जॉस्ट के साथ शरीर की हालत खराब कर सकते हैं. यही वजह है कि अधिकतर लोग रीढ़ की हड्डी और कमर में दर्द की शिकायत करते दिखते हैं. अब हाल की एक रिपोर्ट में इस दर्द को कम करने का आसान सा उपाय बताया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आप कुर्सी पर बैठने के टाइम को 40 मिनट तक कम कर दें, तो इससे कमर दर्द कम हो सकता है. नियमित एक्सरसाइज और एक हेल्दी वजन भी रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ्य रखने में मदद कर सकता है.
कमर दर्द का बढ़ता बोझ
कमर दर्द वैश्विक स्तर पर सबसे आम समस्याओं में से एक बन गया है. अकेले अमेरिका में, अध्ययनों का अनुमान है कि लगभग 80-90% लोग अपने जीवन में किसी न किसी समय कमर दर्द का अनुभव करते ही हैं. कमर दर्द उम्र के साथ बढ़ता जाता है. इसमें सबसे ज्यादा वो लोग प्रभावित हैं जिनकी उम्र 18 साल से 29 साल के बीच है.
कमर दर्द के सबसे बड़े कारणों में से एक है हमारा लाइफस्टाइल. कई लोग काम, घर, या यात्रा के दौरान लंबे समय तक बैठे रहते हैं. लंबे समय तक बैठने से रीढ़ को सपोर्ट करने वाली मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और रीढ़ की समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जिससे कमर दर्द का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, मोटापा और दूसरी स्थितियां जैसे मेटाबोलिक सिंड्रोम इस समस्या को बढ़ा सकते हैं, जिससे सूजन और मांसपेशियों में थकान होती है.
मैगजीन BMJ ओपन में पब्लिश हुई एक स्टडी में कमर दर्द को लेकर एक निजात बताया गया है. इसके परिणामों से पता चला कि हर दिन अगर बैठने के समय को 40 मिनट कम कर दिया जाए तो कमर दर्द में सुधार हो सकता है.
लाइफस्टाइल, कमर दर्द, और रीढ़ की हड्डी का कनेक्शन
बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (BLK-Max Super Speciality) के ऑर्थोपेडिक स्पाइन सर्जरी के प्रिंसिपल डायरेक्टर और प्रमुख डॉ. पुनीत गर्धर (Dr. Puneet Girdhar) ने कमर दर्द को मैनेज करने के लिए उपाय बताए हैं. डॉ. पुनीत के अनुसार, "सेडेंटरी यानि बिना किसी मूवमेंट वाला रूटीन कमर दर्द को बढ़ा सकता है. क्योंकि लंबे समय तक बैठने से मांसपेशियों की कमजोरी और रीढ़ की समस्याएं हो सकती हैं. बैठने के समय को कम करने के लिए, लोग काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक ले सकते हैं और खड़े होकर मीटिंग्स, स्ट्रेचिंग, या टहलने जैसी चीजें कर सकते हैं.”
डॉ. पुनीत कहते हैं कि हर दिन एक्सरसाइज करने से और अपने वजन को मैनेज करने से आप कमर दर्द को रोक सकते हैं. वे कहते हैं, "हेल्दी वेट बनाए रखना जरूरी है क्योंकि ज्यादा वजन रीढ़ और आसपास की मांसपेशियों पर दबाव डालता है. स्विमिंग, योग, या कोर स्ट्रेंथनिंग जैसी एक्सरसाइज मौजूदा दर्द को कम करने और भविष्य की समस्याओं को रोकने में मदद कर सकते हैं.”
मोटापा और पुराना कमर दर्द
डॉ. पुनीत के अनुसार, कमर दर्द, इंसुलिन रेसिस्टेन्स, और रीढ़ के पास की मांसपेशियों में फैट जमा होने के बीच बड़ा संबंध है. जब मोटापा बढ़ता है तो ये इंसुलिन रेसिस्टेन्स सूजन और मांसपेशियों के पास फैट के जमाव को बढ़ाता है, जिससे रीढ़ को सपोर्ट करने वाली मांसपेशियों की क्षमता कमजोर हो जाती है, और दर्द बढ़ता जाता है.
वहीं पुरानी कमर दर्द के मैनेजमेंट न के मामले में, विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि बैठने के समय को कम करने से फायदा मिल सकता है. डॉ. पुनीत कहते हैं कि बैठने का समय कम करने से असुविधा कम हो सकती है. लेकिन इसके साथ फिजिकल एक्सरसाइज और दवा दोनों काम करती हैं.
रीढ़ की हड्डी का ख्याल कैसे रखें
जैसे-जैसे उम्र के साथ कमर दर्द बढ़ता जाता है. ऐसे में रीढ़ की हड्डी का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. डॉ. पुनीत गर्धर इसके लिए कई सलाह देते हैं:
1.एक्टिव रहें: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मॉडरेट एक्टिविटी करें. इसमें चलना, स्विमिंग, या साइकिल चलाना जैसे व्यायाम शामिल हैं. फिजिकल एक्टिविटी मांसपेशियों को मजबूत और जोड़ों को फ्लेक्सिबल रखने में मदद करती है, जिससे रीढ़ पर प्रेशर कम पड़ता है.
2: बैलेंस्ड डाइट: कैल्शियम और विटामिन डी वाली डाइट लें. इससे हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद मिलती है.
3. सही पोस्चर बनाए रखें: सही पोस्चर रीढ़ पर एक्स्ट्रा प्रेशर को रोकने में मदद करता है. लंबे समय तक बैठे या खड़े रहने के दौरान सही पोस्चर बनाए रखना जरूरी है.
4. वजन: अपना वजन ठीक रखें. न इसे ज्यादा बढ़ने दें और न इसे ज्यादा कम होने दें. ज्यादा वजन कमर दर्द को बढ़ा सकता है.
5. चेकअप: रूटीन चेकअप के लिए जरूर जाएं. अगर दर्द बढ़ रहा है तो खुद उसका इलाज करने की कोशिश न करें, एक्सपर्ट के पास जाएं.