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Cyclone Biparjoy: 22 लोग घायल, सैकड़ों पेड़ उखड़े, और 950 गांवों की बिजली गुल, जानिए 10 बड़े अपडेट

gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 16 जून 2023,
  • Updated 9:02 AM IST
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चक्रवात बिपारजॉय से बचाव के लिए पिछले कई दिनों से तैयारी चल रही थी. लगभग 10 दिनों से ज्यादा समय तक अरब सागर में मंथन के बाद, बिपरजॉय ने गुरुवार शाम को गुजरात में जखाऊ बंदरगाह के पास लैंडफॉल बनाया. जिसके कारण तेज हवाओं और भारी बारिश ने कच्छ और सौराष्ट्र के तटों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. हालांकि, राहत और बचाव के लिए मल्टी-एजेंसी रेस्पॉन्स टीम हाई अलर्ट पर रहीं. सायक्लोन बिपरजॉय के गुजरात के कई इलाकों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया. बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गए, कई इलाकों में बिजली गुल हो गई. हालांकि, सुबह के शुरुआती घंटों में यह कमजोर पड़ने लगा और शुक्रवार की सुबह यह उत्तर की ओर बढ़ गया. लेकिन तटीय इलाकों में इस 'अत्यंत गंभीर' चक्रवाती तूफान के कारण कम से कम 22 लोग घायल हो गए. 
 

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तेज चक्रवाती तूफान, बिपरजॉय ने गुरुवार शाम करीब 6.30 बजे 115 से 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरात में जखाऊ के पास लैंडफॉल बनाया. तेज हवाओं से बिजली के तार और खंभे टूट गए, जिससे मालिया तहसील के 45 गांवों में बिजली गुल हो गई. 11 गांवों में बिजली बहाल कर दी गई है. तटीय ग्रामीण और रेगिस्तानी इलाकों में 300 से ज्यादा बिजली के खंभे टूट गए हैं. पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (PGVCL) शेष ग्रामीण क्षेत्रों में जल्द से जल्द बिजली बहाल करने के लिए काम कर रही है. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को फोन किया. एक सरकारी बयान में कहा गया, "उन्होंने गिर के जंगल में शेरों और अन्य जंगली जानवरों के बारे में भी चिंता व्यक्त की." गांधीनगर में स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर में एक बैठक में, पटेल ने अधिकारियों को "प्रभावितों को पैसे, घरेलू सामान, झोपड़ी के लिए सहायता और पशुओं की मदद" देने का निर्देश दिया.

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गुरुवार की रात 10.30 बजे, चक्रवात का केंद्र, जो लगभग 50 किमी व्यास का था, गुजरात के जखाऊ बंदरगाह से समुद्र में 20 किमी दूर स्थित था, और 10-12 किमी प्रति घंटे की गति से चल रहा था. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि लैंडफॉल की प्रक्रिया आधी रात तक पूरी होने की उम्मीद थी. कुछ घंटे बाद तूफान का फोर्स कम होने लगा. शुक्रवार को सुबह 2:30 बजे 100 किलोमीटर से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं.

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गुजरात के रिलीफ कमिश्नर आलोक सिंह ने कहा कि 23 जानवरों की मौत हो गई है, 524 पेड़ गिर गए हैं और कुछ जगहों पर बिजली के खंभे भी गिर गए हैं, जिससे 940 गांवों में बिजली नहीं है. मांडवी शहर में पूरी तरह से बिजली गुल रही। तेज हवाओं के कारण जखाऊ-मांडवी रोड के साथ-साथ मांडवी शहर में कई पेड़ उखड़ गए. हालांकि, जिला कलेक्टर अमित अरोड़ा ने कहा, "अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है."

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गुजरात के तटीय जिलों में बुधवार से भारी बारिश हो रही है. बारिश के कारण द्वारका और जामनगर जिलों में बिजली गुल हो गई. पोरबंदर में, वेरावल से जुड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 51 का एक खंड कई पेड़ों के उखड़ जाने के बाद अवरुद्ध हो गया. गुरुवार को भावनगर शहर के बाहरी इलाके सोदवादर गांव में चरवाहे राम परमार (55) और उनके बेटे राजेश (22) की मौत बाढ़ की धारा में बह जाने से हो गई. द्वारका में भी तीन लोगों के घायल होने की खबर है. 

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पश्चिम रेलवे ने कहा है कि गुजरात के बिपरजॉय प्रभावित क्षेत्रों से चलने वाली, शुरू होने वाली या समाप्त होने वाली लगभग 99 ट्रेनें रद्द या शॉर्ट-टर्मिनेटेड रहेंगी. गुजरात सरकार के मुताबिक, लगभग 1 लाख लोगों को तटीय और निचले इलाकों से आश्रय के लिए स्थानांतरित किया गया था.

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आईएमडी के क्षेत्रीय निदेशक मनोरमा मोहंती के अनुसार, उत्तर गुजरात के बनासकांठा और पाटन जैसे जिलों में अगले दो दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पाटन से एक हजार से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है. यह 94,000 से अधिक लोगों के अतिरिक्त है, जिन्हें पहले गुजरात के तटीय गांवों से निकाला गया था - 48,000 से अधिक अकेले कच्छ से थे. 

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गुजरात के अलावा, राजस्थान के कुछ इलाकों में शनिवार तक तेज हवाएं चलने और बारिश होने की संभावना है. इनमें से कुछ प्रभाव दिल्ली, हरियाणा और उनके आसपास के क्षेत्रों में भी महसूस किए जा सकते हैं. मोहंती ने कहा कि हवा की गति धीरे-धीरे कम होगी और शुक्रवार शाम तक यह लगभग सामान्य हो जाएगी.

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वहीं, पाकिस्तान की जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि दक्षिण-पूर्वी तटीय क्षेत्रों से लगभग 82,000 लोगों को इस चक्रवात के कारण ट्रांसफर किया गया है क्योंकि पाकिस्तान ने इतना तेज तूफान पहले कभी नहीं देखा. इस तूफान के चार मीटर तक पहुंचने की उम्मीद थी जिस कराची में बाढ़ की संभवना है. यह शहर लगभग 20 मिलियन लोगों का घर है.