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G20 की बैठक के लिए नए सिरे से तैयार हुआ प्रगति मैदान का ITPO कॉम्प्लेक्स... खासियत के मामले में सिडनी के ओपेरा हाउस को भी छोड़ा पीछे

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2023,
  • Updated 11:28 AM IST
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भारत इस साल G20 की अध्यक्षता करने के लिए तैयार है. बीते 1 साल से लगातार हर शहर को चमकाया जा रहा है. भारत की G20 की अध्यक्षता के दौरान समूह के नेताओं की बैठकों की मेजबानी करने के लिए फिर से नए सिरे से तैयार किए गए आईटीपीओ कॉम्प्लेक्स (ITPO complex) का उद्घाटन 26 जुलाई को किया जाएगा. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं. यह लगभग 123 एकड़ में फैला है, जो बैठकों, प्रोत्साहनों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों (एमआईसीई) का सबसे बड़ा केंद्र  बनकर उभरा है. 

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IECC कॉम्प्लेक्स ने दुनिया के टॉप 10 प्रदर्शनी और कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में अपनी जगह बनाई है, जो जर्मनी में हनोवर प्रदर्शनी केंद्र, शंघाई में राष्ट्रीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर (NECC) जैसे बड़े नामों को टक्कर देता है.

इस कन्वेंशन सेंटर के लेवल 3 पर 7000 लोगों की बैठने की बड़ी क्षमता है, जो इसे ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित और भव्य सिडनी ओपेरा हाउस (Sydney Opera House) की लगभग 5500 की बैठने की क्षमता से भी बड़ा बना देती है. इससे IECC वैश्विक स्तर पर मेगा सम्मेलनों, अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों और सांस्कृतिक समारोहों की मेजबानी के लिए एक उपयुक्त जगह के रूप में उभर कर सामने आता है.

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इसके प्रदर्शनी हॉल उत्पादों, इनोवेशन और विचारों को प्रदर्शित करने के लिए सात नई जगहें पेश करते हैं. ये अत्याधुनिक हॉल प्रदर्शकों और कंपनियों को अपने टॉरगेट ऑडियंस के साथ जुड़ने, बिजनेस डेवलपमेंट और नेटवर्किंग के मौकों को बढ़ावा देने के लिए एक आदर्श मंच पेश करते हैं. इस हॉल में ऐसी दीवारें हैं जिन्हें एक जगह से दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जा सकता है. इसकी मदद से इसे तीन अलग-अलग हॉलों में भी बदला जा सकता है.कन्वेंशर सेंटर में 4,800 वाहन पार्क किए जा सकते हैं. यहां आसानी से हजारों लोग बिना किसी परेशानी के आ सकते हैं. इसके अलावा पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए रास्तों को छायादार बनाया गया है.

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यहां 3,000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक एम्फीथिएटर शामिल है, जो संयुक्त रूप से तीन पीवीआर थिएटरों के बराबर है. इसका उपयोग प्रदर्शन, सांस्कृतिक शो और मनोरंजन कार्यक्रमों के लिए किया जा सकता है. परिसर में एक मेगा कन्वेंशन सेंटर शामिल है जो चार फ्लोर, 24 मीटिंग रूम, दो ऑडिटोरियल और अन्य दो हॉल में बंटा हुआ है.

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अब तक दिल्ली के विज्ञान भवन ऐसी बड़ी बैठकें होती थीं. इसे 1956 में बनाया गया था और यह अगले दो दशकों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने वाले भारत के भविष्य की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता है. इसके बाद सरकार ने आईटीपीओ कन्वेंशन सेंटर बनाने ता फैसला किया.