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National Anthem of India: भारत के राष्ट्रगान के बारे में नहीं जानते होंगे ये बातें

gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 24 जनवरी 2024,
  • Updated 1:36 PM IST
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भारत का राष्ट्रगान "जन गण मन" है जिसे नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था. भारत के राष्ट्रगान की पंक्तियां रवीन्द्रनाथ टैगोर के गीत 'भारतो भाग्यो बिधाता' से ली गई हैं. मूल गीत बांग्ला में लिखा गया था और पूरे गीत में 5 छंद हैं. यह गीत पहली बार 1905 में तत्वबोधिनी पत्रिका के एक अंक में प्रकाशित हुआ था.

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यह गान पहली बार 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता सत्र में गाया गया था. इसे स्वयं रवीन्द्रनाथ टैगोर ने गाया था. 28 फरवरी, 1919 को, टैगोर ने पूरे बंगाली गीत की अंग्रेजी व्याख्या लिखी और इसका शीर्षक 'द मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया' रखा. इसकी धुन भी टैगोर ने ही तैयार की थी. 

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बहुत कम ही लोगों को पता हो लेकिन 1942 में जर्मनी में हैम्बर्ग रेडियो सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा ने भी यह गान बजाया था. 24 जनवरी 1950 को (26 तारीख को भारत के पहले गणतंत्र दिवस से पहले), भारत की संविधान सभा ने टैगोर के "भारतो भाग्यो बिधाता" के पहले छंद को आधिकारिक तौर पर भारत का राष्ट्रीय गान घोषित किया था.

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राष्ट्रगान के चयन में सुभाष चंद्र बोस की अहम भूमिका थी. इसके बाद, उन्होंने टैगोर के मूल गीत से हिंदी और उर्दू शब्दों के साथ गीत का एक और संस्करण अपनाया, जिसे 'शुभ सुख चैन' कहा जाता है. राष्ट्रगान बजने में लगभग 52 सेकंड लगते हैं. 

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राष्ट्रगान हमें बताता है कि भारत एक विविध राष्ट्र है और यहां संस्कृति, परंपराओं, धर्मों और भाषाओं में अंतर हैं, लेकिन इन मतभेदों के बावजूद, यह हमें याद दिलाता है कि भारत एक ध्वज के नीचे एकजुट है. यह गान लोगों को एकजुट करने और हमें यह याद दिलाने में महत्वपूर्ण है कि भारतीयों के बीच कोई मतभेद नहीं है.