मध्य प्रदेश के पेंच नेशनल पार्क की सुपर मॉम का निधन हो गया है. 17 साल की बाघिन तीन-चार दिनों से बीमार चल रही थी, शनिवार को बाघिन ने पेंच नेशनल पार्क के जंगल में आख़िरी सांस ली. पार्क के अधिकारियों की मौजूदगी में आज बाघिन का अंतिम संस्कार किया गया. (फोटो क्रेडिट- पुनीत कपूर)
कॉलर वाली बाघिन का जन्म पेंच नेशनल पार्क में साल 2005 को हुआ था. T-15 बाघिन के नाम सबसे ज्यादा 29 शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड है. साल 2008 में उसने पहली बार बच्चों को जन्म दिया था. (फोटो क्रेडिट- पुनीत कपूर)
साल 2008 से लेकर 2021 तक 13 सालों में बाघिन 8 बार मां बनी और कुल 29 शावकों को जन्म दिया. इस बाघिन ने आखिरी बार जनवरी 2019 में 3 शावकों को जन्म दिया था. साल 2011 में इस बाघिन ने एक साथ पांच बच्चों को जन्म दिया था जो अपने आप में दुर्लभ है. (फोटो क्रेडिट- पुनीत कपूर)
पेंच नेशनल पार्क में इस बाघिन के गले में सबसे पहले रेडियो कॉलर लगाया गया था ताकि उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके, तभी से उसे कॉलर वाली बाघिन के नाम से जाना जाता है. जनवरी 2019 में अपने शावकों को मुंह में दबाकर ले जाई हुई तस्वीर खूब वायरल हुई थी. (फोटो क्रेडिट- पुनीत कपूर)
कॉलर वाली बाघिन के निधन पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी दुख जताया. वन विभाग के APCCF शुभरंजन सेन ने भी फ़ेसबुक पर कॉलर वाली बाघिन को श्रद्धांजलि दी. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, "मध्य प्रदेश को मिली टाइगर स्टेट की गौरवशाली पहचान पर कोई भी चर्चा इस सुपर मॉम के महत्वपूर्ण योगदान के बिना पूरी नहीं हो सकेगी." (फोटो क्रेडिट- पुनीत कपूर)