प्रतिष्ठित चिनाब आर्क ब्रिज जो नदी के तल से 359 मीटर और पेरिस में एफिल टॉवर से 30 मीटर ऊंचा होगा, पूरा होने के बाद भारतीय रेलवे को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा. यह पुल कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच हर मौसम में जरूरी संपर्क मुहैया कराएगा. यह पुल कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच हर मौसम में जरूरी संपर्क मुहैया कराएगा. यह पुल 272 किलोमीटर की एक महत्वाकांक्षी रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है और इसका निर्माण उत्तर रेलवे द्वारा 28,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जा रहा है.
यह पुल आठ की तीव्रता तक के भूकंप और उच्च तीव्रता वाले विस्फोटों का सामना करने में सक्षम होगा. पुल, जिसमें 14 मीटर का दोहरा कैरिज वे और 1.2 मीटर चौड़ा केंद्रीय कगार शामिल होगा. पुल के निर्माण के लिए स्टील को विशेष रूप से चुना गया था क्योंकि यह धातु ब्रिज को माइनस 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान और 200 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ऊपर की हवा की गति के खिलाफ सक्षम बनाता है.
रेल लिंक परियोजना की तैयारी 2002 में शुरू हुई थी और शुरुआती योजना कश्मीर के सबसे उत्तरी शहर, बारामूला को नई दिल्ली से जोड़ने की थी. अधिकारियों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा इस परियोजना को उच्च प्राथमिकता भी दी गई थी, लेकिन मौसम की स्थिति और कॉन्ट्रैक्ट संबंधी मुद्दों के कारण इस परियोजना में इतनी देरी हुई.
2019 के अंत तक निर्माण पूरा करने के उद्देश्य से जुलाई 2017 में पुल पर काम फिर से शुरू हुआ लेकिन 2018 में कॉन्ट्रैक्ट के कुछ मुद्दों के कारण इसमें देरी हुई. कोरोनावायरस महामारी की वजह से भी इसके निर्माण में इतना ज्यादा समय लग गया.
योजना के मुताबिक इस ब्रिज में एक ऑनलाइन मॉनिटरिंग और वॉर्निंग सिस्टम भी लगाया जाएगा, ताकि पैसेंजर्स और ट्रेन की मुश्किल हालात में हिफाजत हो सके. साथ ही इसमें पैदल और साइकिल से चलने वालों के लिए अलग से रास्ता होगा. पूरा होते ही यह बेइपैन नदी पर बने चीन के शुईबाई रेलवे पुल (275 मीटर) का रिकॉर्ड तोड़ देगा.