प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात दौरे पर हैं. रविवार को सुबह पीएम मोदी ने केबल ब्रिज सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया. इसके बाद भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका को देखने के लिए अरब सागर में डुबकी लगाई. पीएम मोदी ने उस स्थान पर प्रार्थना की जहां जलमग्न द्वारका नगरी है.
पीएम मोदी ने पानी के अंदर द्वारका नगरी को श्रद्धांजलि अर्पित की. वह अपने साथ भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करने के लिए समुद्र के अंदर मोर पंख लेकर गए थे. पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था. मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ. भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें.
पीएम मोदी ने इससे पहले इस साल की शुरुआत में 5 जनवरी को लक्षद्वीप में भी समुद्र में डुबकी लगाई थी. हालांकि तब उन्होंने स्नॉर्कलिंग की थी, जबकि इस बार उन्होंने स्कूबा सूट पहनकर गोता लगाया.स्नॉर्कलिंग में जहां खास मास्क लगाकर समुद्र की सतह पर ही तैराकी की जाती है, वहीं स्कूबा डाइविंग में ऑक्सिजन सिलेंडर के साथ खास किस्म का सूट पहनकर समंदर की गहराइयों में गोता लगाया जाता है.
पीएम मोदी रविवार सुबह बेट द्वारका मंदिर पूजा-अर्चना के लिए गए थे. पीएम मोदी ने द्वारकाधीश मंदिर में भी आराधना की. इसके बाद उन्होंने ओखा को बेयट द्वारका द्वीप से जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया.
सुदर्शन सेतु का निर्माण 979 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है. इस 2.3 किमी लंबे पुल की आधारशिला पीएम मोदी ने अक्टूबर 2017 में रखी थी.
सुदर्शन सेतु को पहले सिग्नेचर ब्रिज के नाम से जाना जाता था. बाद में इसका नाम बदलकर सुदर्शन सेतु कर दिया गया है. इस चार लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े पुल के दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े पैदलपथ हैं.
सुदर्शन सेतु में सनातन धर्म की झलक दिखाई देती है. इसके दोनों ओर श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सुसज्जित पैदलपथ है.