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Republic Day 2022: 10 तस्वीरों में देखें राजपथ के हर रंग की शानदार तस्वीरें

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2022,
  • Updated 10:56 PM IST
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गणतंत्र के 73 वें जश्न पर महिला शक्ति ने भी दम दिखाया. मह‍िला शक्त‍ि ने संतुलन और रोमांच का अद्भुत प्रदर्शन कर दर्शकों का दिल जीता. इस बार राजपथ का नज़ारा बेहद अनूठा था.

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सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी. साढे़ 10 बजे परेड की शुरुआत  हुई. आसमान से पुष्प वर्षा के बाद परेड का शुभारंभ हुआ तो देश की शौर्य झांकी दिखाई दी.
 

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ये गणतंत्र दिवस का अभी तक का सबसे बड़ा, सबसे भव्य फ्लाई पास्ट था जिसमें 75 विमानों ने हिस्सा लिया. रफाल, सुखोई, जगुआर, मिग, फाइटर प्लेन की ऐसी कोई सीरीज नहीं, इस फ्लाई पास्ट में सभी शामिल थे.आसमान को चीरते हुए जब हिंद की हवाई सेना हवाई करतब करते हुए निकली, तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा राजपथ गूंज उठा. वैसे तो फ्लाई पास्ट को हर बार लोग जमीन से देखते थे, इस बार आसमान का नजारा भी देखने को मिला.

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राजपथ पर आज नारी शक्ति की भी अद्भुत मिसाल देखने को मिली. 73वें गणतंत्र दिवस समारोह में महिला सैनिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और साहस-अनुशासन और शौर्य की अद्भुत झलक पेश की. बाइक पर हैरतअंगेज़ करतब हों या अलग-अलग दस्तों का नेतृत्व. हर मामले में महिलाएं आगे दिखाई दी. और दुनिया के सामने नए भारत की विहंगम तस्वीर पेश की. ताकत और शौर्य भारत की जान है. तो संस्कृति भारत की पहचान है. शक्ति और संस्क़ृति का ये अद्भुत संगम हिंदुस्तान में ही देखने को मिलता है. और ये ही वजह है कि भारत की आन-बान और शान का डंका पूरी दुनिया में बजता है.

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हर साल गणतंत्र दिवस पर भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को भी दुनिया देखती है. भारतीय संस्कृति के ये रंग अलग-अलग राज्यों की झांकियों में नजर आते हैं. हर राज्य एक थीम को केंद्र में रख कर अपनी सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करता है. इस बार भी एक से बढ़ कर एक झांकी राजपथ पर देखने को मिलीं.

समारोह में 12 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के साथ 9 मंत्रालयों की झांकियां शामिल हुईं जो एक से बढ़कर एक थीं. हरियाणा की झांकी में टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक में हरियाणा के खिलाड़ियों का दमखम नजर आया. देश के लिए गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा के भाला फेंकते हुए आदमकद मॉडल पर सभी की निगाहें ठहर गईं.

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इसी तरह उत्तर प्रदेश  की झांकी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को खासतौर पर दिखाया गया जिसका हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण किया है. उत्तर प्रदेश सरकार की अहम योजना एक जिला एक उत्पाद यानी ODOP को भी झांकी में दिखाया गया.

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जब पंजाब की झांकी आई तो उसने आजादी की लड़ाई का इतिहास सामने रखा. भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू की प्रतिमा के साथ लाला लाजपत राय पर हुए लाठी चार्ज को दिखाया गया. इसके साथ ही करतारपुर के जंग-ए-आजादी स्मारक का भी झांकी में जगह दी गई.

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इसी तरह गोवा की झांकी में गोवा की विरासत और ऐतिहासिक धरोहरों को दिखाया गया. गुजरात की झांकी भी आजादी की लड़ाई से जुड़े एक अहम घटनाक्रम को समेटे हुई थी. इसमें आदिवासी क्रांतिकारियों के जीवन और उनके बलिदान को दर्शाया गया.

राज्यों की झांकियों में इतिहास ही नहीं बल्कि पारंपरिक हस्तशिल्प को भी प्रमुखता से दिखाया गया. हस्तशिल्प का पालना कहे जाने वाले कर्नाटक की झांकी में कमला देवी को अहमियत दी गई. जिन्होंने विलुप्त होने की कगार पर पंहुचे पारंपरिक हस्तशिल्प को फिर से नई ऊंचाई दी थी.

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महाराष्ट्र की झांकी में राज्य की जैव-विविधता और जैव प्रतीकों को प्रदर्शित किया गया तो अरुणाचल प्रदेश की झांकी में एंग्लो-अबोर युद्ध दिखाया गया. मेघालय की झांखी में एक महिला को बांस की टोकरी और कई बांस के उत्पादों को बुनते हुए दिखाया गया तो छत्तीसगढ़ की झांकी में वहां की गोधन न्याय योजना को प्रमुखता से दिखाया गया.

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राजधानी दिल्ली के राजपथ पर बुधवार को गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार लोक अदालत को दर्शाने वाली एक झांकी का प्रदर्शन हुआ.  राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने झांकी का विषय एक मुट्ठी आसमान: लोक अदालत रखा था. झांकी के आगे के हिस्से में न्याय सबके लिए का विषय दिखाया है. साथ ही हाथ की मुद्रा को प्रदर्शित किया गया है, जो निडरता, गारंटी और सुरक्षा का संकेत है. 

झांकी के पिछले हिस्से पर एक हाथ को एक-एक करके अपनी पांच उंगलियों को खोलते दिखाया गया, जिससे लोक अदालतों के पांच मार्गदर्शक सिद्धांतों- सभी के लिए सुलभ, निश्चित, किफायती, न्यायसंगत और समय पर न्याय, को दर्शाया गया है.