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वेस्ट से बेस्ट...दुर्गंध मारते कूड़े से सुगंध बना रही हैं मैत्री, सड़े फूलों से बनाती हैं परफ्यूम

gnttv.com
  • अहमदाबाद,
  • 05 जनवरी 2022,
  • Updated 9:43 PM IST
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क्या आपने कभी सोचा है या कही देखा है कि कूड़े से भी सुगंध आ सकती है? तो आपका जबाब शायद ना ही होगा. मगर हम आज आपको कूड़े में से सुगंध आने वाली न्यूज़ बताने जा रहे हैं, जिसे देख कर आप ही एक बार दाँतो तले ऊँगली ज़रूर दबा लेंगे. 

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सूरत शहर के महिधरपुरा इलाक़े में रहने वाली ये है 22 वर्षीय मैत्री जरीवाला ये कारनामा कर रही है. यूँ तो अभी कॉलेज में केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है. 
 

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मैत्री ने पिछले साल मार्च महीने में वेस्ट एग्रीगेशन विषय के प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया था. प्रॉजेक्ट के तहत मैत्री जरीवाला वेस्ट से बेस्ट बनाने की चाह में कुछ ऐसा करना चाहती थी कि जिसका उपयोग घर में भी किया जा सके.

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मैत्री जरीवाला ने पहली बार कॉलेज के प्रॉजेक्ट तहत कूड़े में फेंके गए फूलों से होली के रंग बनाए थे. उसके बाद जब वो हर रोज़ कोलेज जाती और घर लौटती तो उन्होंने देखा कि मंदिर में भक्तों द्वारा भगवान को चढ़ाए गए फूल मंदिर के बाहर कूड़े में फेंक दिए जाते है.
 

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मैत्री जरीवाला ने कूड़े में फेंके गए फूलों कुछ नया बनाने का फ़ैसला किया था और फिर वो हर दिन मंदिर से कूड़े में फेंके गए फूले को इकट्ठा कर अपने घर ले आती थी. उसके बाद उन विविध प्रकार के फूलों को अलग अलग करती उन्हें घर में ही पसार कर सुखाना शुरू करती जैसा कि आप इन तस्वीरों में भी देख सकते हैं.
 

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धूप में इन फूलों को सुखाने के बाद बिना केमिकल का उपयोग साबुन, अगरबत्ती, खाद,सॉलिड परफ़्यूम, ऐयर फ़्रेशनर और नारियल के छिलकों से कोकोपिट तैयार करती है. जिसका इस्तेमाल इंडोर प्लांट में किया जा सकता है.

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सूरत की रहने वाली छात्रा मैत्री जरीवाला बताती है कि वो किस तरह दुर्गंध मारते कूड़े में फेंके गए फूलों से घर में उपयोग होने वाली सुगंधित चीजों का उत्पादन कर रही है. 
 

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सूरत की छात्रा मैत्री जरीवाला हर रोज़ सुबह अपने घर से कूड़े में फेंके गए फूलों को बटोरने के लिए मंदिरो की ओर निकल पड़ती है. मंदिरों के बाहर जहां भी इन्हें फेंके हुए फूल मिलते है. ये उन्हें उठाकर अपने घर ले आती हैं. 

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फिर फूलों को अपने घर के आँगन में सूखने के लिए कड़कती धूप में डाल देती है. मैत्री जरीवाला ने बातचीत में बताया कि कूड़े के फूलो से अगरबत्ती बनाने में तीन दिन लगते हैं. जबकि इन फूलों से नहाने का साबुन बनाने के प्रोसेस करने में 6 हफ़्ते लगते हैं.

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जिसमें नारियल तेल और ग्लिसरीन का इस्तेमाल होता है. दुर्गंध मारते कूड़े के फूलो से 7 से 8 प्रकार की सुगंधित चीजें बनाकर ऑनलाइन बेचती है. इस काम में उनकी कोलेज के ही 5 छात्र टीम मेम्बर हैं, जो ना सिर्फ़ सूरत या गुजरात भर में बल्कि देश भर के मंदिर या शादी समारोह में इस्तेमाल होने के बाद फेंके जाने वाले फूलों से सुगंधित चीजों को बनाने का आयोजन करना चाहती है.