आज ही के दिन साल 1931 में भारत के मिसाइल मैन डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था. कलाम हमेशा से छात्रों के करीब रहे और जब भी वक्त मिलता छात्रों के बीच वो समय व्यतित करते थे. उनको याद करने के लिए हर साल 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है.
साल 2010 में संयुक्त राष्ट्र संगठन (UNO) ने शिक्षा और छात्रों के प्रति कलाम के लगाव को देखते हुए इस दिन को वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे घोषित किया. और इसी दिन से विश्व छात्र दिवस मनाया जाने लगा.
बेहद ही गरीब परिवार में जन्म लेने वाले कलाम बचपन से ही मेधावी थे. परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी इसलिए वो 8 साल की उम्र में ही अखबार बेचने लगे और उससे होने वाली कमाई से पढ़ाई करने लगे. शुरुआती पढ़ाई लिखाई उन्होंने रामेश्वरम से, ग्रेजुएशन सेट जोसेफ से और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजिनयरिंग की डिग्री प्राप्त की.
विज्ञान की क्षेत्र में उनकी उपलब्धि को देखते हुए उन्हें सैंकड़ों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. साल 1981 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया.
अब्दुल कलाम साल 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे. उन्होंने अपने जीवन काल में कई किताबें लिखी जो पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय है. जीवन के अंतिम क्षणों में भी कलाम छात्रों के बीच ही थे. साल था 2015 जब हिमाचल प्रदेश के आईआईटी में लेक्चर देने के दौरान वो गिर पड़े और हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई. आज भी उनके अनमोल विचार छात्रों को सही राह पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं.