नोएडा को यूपी की आर्थिक राजधानी कहा जाता है. कोविड-19 की लहर से पहले नोएडा के पास अपना कोई भी ऑक्सीजन प्लांट नहीं था. नोएडा को ऑक्सीजन की सप्लाई प्राइवेट कंपनी से होती थी, लेकिन आज यह तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है. आज नोएडा में फिलहाल ना तो ऑक्सीजन की कमी है और ना ही ऑक्सीजन बेड की. नोएडा के सीएमओ का दावा है कि आज की तारीख में नोएडा में 17 ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहे हैं. इनमें 11 सरकारी हैं तो 6 प्राइवेट अस्पतालों में है.
कहां-कहां हैं प्लांट?
सीएमओ सुनील कुमार शर्मा का कहना है कि नोएडा में फिलहाल 17 ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहे हैं. इसके अलावा दो और प्लांट के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. यह प्लांट जेवर और भंगेल में लगाए जाएंगे. नोएडा के सेक्टर 39 के कोविड हॉस्पिटल के अलावा जिम्स, चाइल्ड पीजीआई, ईएसआई हॉस्पिटल,दादरी और बिसराख phc में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं. इसके अलावा जेवर और भंगेल में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है.
नोएडा में भी बढ़ने लगे केस
ओमिक्रोन वायरस का असर अब दिल्ली के साथ-साथ नोएडा में भी दिखने लगा हैं. नोएडा में महीनों बाद 24 घंटे में मिलने वाले मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है. नोएडा में सोमवार को 24 घंटे में 28 मामले सामने आए. इसके पहले यह आंकड़ा दो चार मरीजों का हुआ करता था. हालांकि सीएमओ का कहना है नोएडा में 4585 बेड मौजूद हैं. ऐसे में फिलहाल घबराने वाली कोई बात नहीं है. सीएमओ सुनील कुमार शर्मा का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो प्राइवेट अस्पतालों को भी इसमें शमिल किया जाएगा.
सीएमओ ने कहा,"व्यवस्थाएं पहले से बेहतर जरूर हुई हैं, लेकिन लोगों से फिर भी यह अपील की जाती है कि वह किसी भी तरह की असावधानी से बचें. इसके लिए जरूरी है कि हम कोविड के तमाम प्रोटोकॉल का पालन करें, मास्क पहनें और सुरक्षित रहें.