हाल ही में, देशवासियों ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन किए हैं. ये दर्शन लोगों को तब हुए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटी दीपावली के दिन यहां धर्मध्वज पूजन के साथ दीप जलाए थे. बेसब्री से राम मंदिर का निर्माण पूरा होने का इंतजार कर रहे करोड़ों श्रद्धालुओं के मन में मंदिर के दर्शन की और चाहत उमड़ पड़ी.
45% काम हो चुका है पूरा
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में गर्भ गृह से पहले पूर्व की दिशा में सिंह द्वार से आगे नृत्य मंडप, रंग मंडप और गुड़ी मंडप होंगे. गर्भ गृह, जहां रामलला विराजमान होंगे उसके 7 लेयर तक का काम हो चुका है. गर्भ गृह 21 फीट लंबा और 21 फीट चौड़ा होगा और इसके ऊपर 5 से 6 फीट का एक ऊंचा प्लेटफार्म बनाया जा रहा है.
इस पर लगभग 5 फीट ऊंची रामलला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. जिसके कारण, दूर से ही श्री राम की मूर्ति श्रद्धालुओं को दिखाई देगी. इसी लिए रामलला के दर्शन श्रद्धालुओं को लगभग 30 फीट दूर से होंगे. चंपत राय, महासचिव, रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि श्री राम जन्म भूमि मंदिर का लगभग 50% कार्य पूरा हो चुका है.
बलुआ पत्थरों से बन रहा है मंदिर
राम मंदिर की बुनियाद और जमीन के ऊपर पूरा फाउंडेशन तैयार हो चुका है. आपको बता दें कि मंदिर की नींव तैयार करने में 17000 पत्थरों से पूरा स्ट्रक्चर तैयार किया गया है. इसके ऊपर, अब बलुआ पत्थरों का प्रयोग हो रहा है, जो बंसी पहाड़पुर से लाए गए हैं.
2024 जनवरी के तीसरे सप्ताह में श्रद्धालुओं को अपने आराध्य श्री राम के दर्शन उनके भव्य और दिव्य मंदिर में हो सकेंगे. इसके बाद निर्माण का कार्य चलता रहेगा और 2025 तक पूरा मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.