स्कॉर्पीन क्लास की 5वीं पनडुब्बी हुई नेवी में शामिल, दूसरी सबमरीन से नहीं है ‘Vagir’ का कोई मुकाबला

स्कॉर्पीन क्लास की 5वीं पनडुब्बी को नेवी में शामिल कर लिया गया है. इससे अब भारतीय नौसेना और भी ज्यादा ताकतवर हो जाएगी. 'वागीर' नाम की इस पनडुब्बी को आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर बनाया गया है.

स्कॉर्पीन क्लास की 5वीं पनडुब्बी
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST
  • भारत में किया गया है 'वागीर' का निर्माण
  • किसी दूसरी पनडुब्बी से इसका कोई मुकाबला नहीं

देश की मजबूती उस देश की सेना कितनी मजबूत है इसपर निर्भर करती है. इसीलिए भारतीय सेना आए दिन खुद को और ताकतवर बनाने पर काम कर रही है. अब इसी कड़ी में स्कॉर्पीन क्लास की 5वीं पनडुब्बी 'वागीर' को नेवी में शामिल कर लिया गया है. ये प्रोजेक्ट 75, यार्ड 11879 की कलावरी क्लास की पांचवीं पनडुब्बी 'वागीर' है. इसके शामिल हो जाने से भारतीय नौसेना की ताकत और भी बढ़ जाएगी.  

भारत में किया गया है इसका निर्माण

बताते चलें कि प्रोजेक्ट-75 के तहत स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों बनाया गया है. इन सभी का निर्माण भारत में ही किया गया है. यानि ये सभी आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने दिशा में एक और कदम है. 'वागीर' को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) और फ्रांस की मैसर्स नेवल ग्रुप की मदद से बनाया जा रहा है. इसे 12 नवंबर को लॉन्च किया गया था.  

फरवरी में हुआ था पहला समुद्री परीक्षण

पनडुब्बी 'वागीर' ने अपनी पहली समुद्री परीक्षण यात्रा 1 फरवरी, 2022 को अपनी शुरू की थी. 'वागीर' ने अपने सभी जरूरी ट्रायल कम समय में पूरे कर लिए हैं. यही कारण है कि इसे अब भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया है. पनडुब्बी 'वागीर' ने प्रोपल्शन प्रणाली, हथियार और सेंसर सहित समुद्र में अपनी सभी प्रणालियों के गहन परीक्षणों को सफलता से पार कर चुकी है. 

किसी दूसरी पनडुब्बी से इसका कोई मुकाबला नहीं

मझगांव डॉक शिपबिल्डिंग लिमिटेड (MDL) के मुताबिक, दूसरी पनडुब्बियों से 'वागीर' का कोई मुकाबला नहीं है. हर मामले में ये उनसे बेहतर है. किसी भी देश की नौसेना को जिस भी तरह की जरूरतों और अभियानों को पूरा करना होता है, ये सब देखते हुए ही इसे तैयार किया गया है. 

गौरतलब है कि इस पनडुब्बी का नाम शिकारी मछली 'वागीर' को देखकर रखा गया है. नेवी में इस खेप की पहली पनडुब्बी 3 दिसंबर 1973 को शामिल किया गया था.

(इनपुट: अभिषेक भल्ला )


 

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