Independence Day 2023: 15 अगस्त को पूरे देश में शान से लहराएगा तिरंगा, ध्वजारोहण करते समय रखें इन बातों का ध्यान, जानें इसे फहराने के नियम

Indian Flag Code Rules And Guidelines: राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का एक समय होता है. सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही ध्वजारोहण कर सकते हैं. शाम होने के बाद तिरंगे को उतार देना चाहिए. 

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 13 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 8:57 AM IST
  • 15 अगस्त 2023 को 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा
  • स्कूल, कॉलेज से लेकर कार्यालयों में किया जाएगा ध्वजारोहण 

पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाने को लेकर उत्साह है. 15 अगस्त 2023 को 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. यह हमारे देश का राष्ट्रीय पर्व है. हम सभी को पता है कि 15 अगस्त को देशभर के सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी के अलावा सरकारी भवनों, प्राइवेट ऑफिस में तिरंगा झंडा फहराया जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि भारत सरकार की ओर से तिरंगा फहराने और उसे उतारने को लेकर नियम बनाए गए हैं. इसको लेकर 26 जनवरी 2002 को भारतीय ध्वज संहिता को लागू किया गया था. 

ध्वज संहिता, 2002 के मुताबिक, भारतीय ध्वज को बनाने के लिए भी नियम हैं. आम शब्दों में कहें तो हम किसी भी आकार और अनुपात में भारतीय ध्वज को डिजाइन नहीं कर सकते हैं. संहिता के मुताबिक, राष्ट्रीय झंडा आकार में आयताकार होना चाहिए, जिसका अनुपात 3:2 होता है.

ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में अंतर
सबसे पहले तो आपको ये पता होना चाहिए कि 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है और 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है. ध्वजारोहण और झंडा फहराने के बीच एक बड़ा अंतर है. जब तिरंगे को नीचे से रस्सी के माध्यम से खींचकर फहराया जाता है, तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं. लेकिन 26 जनवरी को तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है, जिसे पूरा खोलकर फहराया जाता है. इसे झंडा फहराना कहते हैं. 

तिरंगा फहराने का सही समय
राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का एक समय होता है. सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही ध्वजारोहण कर सकते हैं. सूर्यास्त यानी शाम होने के बाद तिरंगे को उतार देना चाहिए. तिरंगे को हमेशा ऐसी जगह फहराएं, जहां से वह स्पष्ट दिखाई दे सके. कोई व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते, इसे जलाते, दूषित करते, कुचलते या नियम विरुद्ध ध्वजारोहण करते पाया जाता है तो उसे तीन साल की जेल या जुर्माना देने का दंड मिल सकता है.

भारतीय ध्वज को लेकर क्या है नियम और सिद्धांत 
1. जब तिरंगे को किसी अन्य देश के राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराया जाता है तो इसे दूसरे देश के ध्वज के बाईं ओर रखा जाना चाहिए. 
2. जब तिरंगे को संयुक्त राष्ट्र के झंडे के साथ फहराया जाता है तो इसे उसके दोनों ओर फहराया जा सकता है.
3. किसी भी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए भारतीय ध्वज को नहीं झुकाना चाहिए. हालांकि, किसी कारण यदि सरकार सार्वजनिक आदेश देती है तो इसे आधा झुकाया जाता है.
4. तिरंगे का इस्तेमाल किसी पोशाक, रूमाल या वर्दी के लिए नहीं किया जा सकता है.
5. झंडे पर किसी प्रकार के अक्षर नहीं होने चाहिए.
6. झंडे का प्रयोग किसी प्रतिमा या स्मारक को ढकने के लिए नहीं कर सकते हैं.
7. झंडे को जानबूझकर जमीन को छूने और पानी में डूबता नहीं छोड़ना चाहिए.
8. तिरंगा झंडा फहराते हुए खास ध्यान रखना चाहिए कि इसका केसरिया रंग ऊपर की ओर ही हो.

स्कूलों, विश्वविद्यालयों और गैर-सरकारी संगठनों के लिए नियम 
1. क्षतिग्रस्त और अस्त-व्यस्त झंडा बिल्कुल प्रदर्शित नहीं करना चाहिए.
2. ध्वज को किसी अन्य ध्वज के साथ एक ही ध्वज-दंड में नहीं फहराना चाहिए.
3. जब किसी वक्ता के मंच के पास झंडा फहराया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि झंडा वक्ता के पीछे और उससे ऊंचा होना चाहिए.
4. जब भारतीय ध्वज को किसी भी संस्था या देश का झंडे के साथ फहराया जाता है, तो वह तिरंगे से ऊंचा और बड़ा नहीं होना चाहिए.
5. झंडे का इस्तेमाल किसी तरह की सजावट या पताका के रूप में नहीं किया जाना चाहिए.
6. झंडे को बांधते समय ध्यान रखना चाहिए कि वो किसी तरह से क्षतिग्रस्त न हो.
7. झंडा अभिवादन के बाद राष्ट्रगान होना चाहिए. इस कार्यक्रम के दौरान परेड सावधान अवस्था में होनी चाहिए.

सरकारी और रक्षा प्रतिष्ठानों में ध्वजारोहण 
1. जब भी झंडा फहराया जाए, तो उसे सम्मानपूर्वक ऐसे स्थान पर फहराया जाना चाहिए, जहां से वह साफ-साफ नजर आए.
2. यदि ध्वज को फहराते या उतारते समय बिगुल बजाया जा रहा है तो इस बात का खास ध्यान रखा जाना चाहिए कि झंडा बिगुल के साथ ही उतारा और चढ़ाया जाए.
3. यदि झंडा इमारत के अगले हिस्से या बालकनी या खिड़की पर आड़े या तिरछे फहराया जाए तो झंडे का केसरी रंगवाला भाग डंडे के उस सिरे की ओर होगा जो खिड़की के छज्जे, बालकनी या अगले हिस्से से सबसे दूर हो.
4. जब झंडा किसी दीवार के सहारे पट्ट और टेढ़ा फहराया जाए तो केसरी भाग सबसे ऊपर रहेगा और जब वह लम्बाई में खड़ा करके फहराया जाए तो केसरी भाग झंडे के हिसाब से दाई और होगा यानी यह झंडे को सामने से देखने वाले व्यक्ति के बाईं ओर होगा.
5. किसी मूर्ति के अनावरण जैसे अवसरों पर झंडा महत्व के साथ और अलग से फहराया जाएगा.
6. यदि झंडा किसी मोटर कार पर अकेले फहराया जाएगा तो उसे कार के सामने दाईं ओर कसकर लगाए हुए एक डंडे (स्टाफ) पर फहराया जाएगा.
7. किसी जुलूस या परेड में ले जाते समय झंडा चलते हुए जुलूस या परेड की दाईं ओर यानी स्वयं झंडे की दाहिनी ओर रहेगा या यदि दूसरे झंडों से बनी हुई एक पंक्ति हो तो राष्ट्रीय झंडा उस पंक्ति के बीच की जगह से आगे की ओर होगा.

झंडे को ऐसे इस्तेमाल करना माना जाता है गलत 
1. फटा हुआ या मैला-कुचैला झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए.
2. किसी व्यक्ति या वस्तु के अभिवादन के लिए झंडे को नीचे नहीं किया जा सकता है.
3. झंडे का प्रयोग बंदनवार, फीता या झंडियां बनाने या किसी दूसरे प्रकार की सजावट के लिए नहीं किया जाएगा.
4. केसरी भाग को नीचे रखकर झंडा नहीं फहराया जाएगा.
5. झंडे को जमीन या फर्श को छूने या पानी में घसीटने नहीं देना चाहिए.
6. राज्य/सेना/केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों की ओर से किए जाने वाले मृतक संस्कारों के अलावा, झंडे का प्रयोग किसी भी रूप में लपेटने के लिए नहीं किया जाएगा.
7. झंडा किसी गाड़ी, रेलगाड़ी अथवा नाव के हुड, सिरे, बाजू या पिछले भाग पर नहीं लपेटा जाएगा.
8. झंडा किसी भी रूप में विज्ञापन के काम में नहीं लाया जाएगा और न ही उस डंडे पर, जिस पर कि झंडा फहराया जाता है.

तिरंगा निस्तारण के नियम
1. नियमों के मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज को दो तरीकों से निस्तारित किया जा सकता है. पहला एकांत में जलाना दूसरा तिरंगे को दफन करना. बेहद गंदे या किसी कारणवश फट गए राष्ट्रीय ध्वज को दफन करने के लिए लकड़ी का बॉक्स लेना होगा और तिरंगे को सम्मान पूर्वक तह लगाकर दफन करना होगा. इसके बाद उसके सामने दो मिनट तक मौन खड़े रहना होगा.
2. दूसरा तरीका इसे जलाने का है. इसके लिए साफ स्थान पर लकड़ी रखकर उसमें आग लगानी होगा. अग्नि के मध्य में तिरंगे को सम्मान पूर्वक तह लगाकर रखना होगा. किनारे से नहीं. यह नियम इसलिए बनाए गए है क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज हमारा गर्व है.


 

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