छोटा बच्चा जान के ना कोई आंख दिखाना रे', 1996 में आयी फिल्म मासूम का ये गाना आज भी बच्चे गुनगुनाते हैं. पर हरियाणा के सोनीपत में रहने वाले 8 साल के नन्हे मार्टिन मलिक ने यह साबित कर दिया है कि बच्चे सब कुछ कर सकते हैं. कोरोना महामारी के दौरान जब 2020 में जब पहला लॉकडाउन लगा उस समय तीसरी कक्षा के स्टूडेंट मार्टिन मलिक अपने पिता की मदद से किक बॉक्सिंग के किंग बन गए हैं. महज 8 साल की उम्र में ही मार्टिन मलिक ने रशिया के पावेल के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.
इतना ही नहीं मार्टिन मलिक ने भारत के दो, एशिया के दो और साथ ही किक बॉक्सिंग में विश्व स्तर पर आठ रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं. किक बॉक्सिंग की बात करें तो अभी तक पंचिंग बैग पर 3 मिनट में 918 पंच करने का विश्व रिकॉर्ड रशिया के पावेल के नाम था. पावेल की उम्र 27 साल है, लेकिन महज 8 साल की उम्र में ही मार्टिन मलिक ने 3 मिनट में 1105 पंच मार कर इस विश्व रिकॉर्ड को अपने नाम कर लिया है. मार्टिन मलिक की प्रतिभा से खुश होकर ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने भी उसे डिनर पर बुलाया था और उसके साथ पंच की प्रैक्टिस भी की थी. नीरज चोपड़ा ने मार्टिन को कहा था कि वह इसी तरह खेलता रहे. वो उनके साथ हैं और आगे जाकर वह बहुत अच्छा कर सकता है.
1105 पंच कर बनाया रिकॉर्ड
मार्टिन मलिक के पिता मनीष मलिक का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान बहल से फिटनेस की ट्रेनिंग कर आते थे, लेकिन उन्होंने देखा कि उनका बच्चा किक बॉक्सिंग बहुत अच्छी करता है. जिसके बाद उन्होंने उसकी किक बॉक्सिंग शुरू करवा दी. बस उसके बाद मार्टिन मलिक एक के बाद एक रिकॉर्ड बनाता जा रहा है. मार्टिन मलिक ने पहले 3 मिनट में 1019 पंचिंग बैग पर पंच का रिकॉर्ड बनाया और फिर उसके बाद 3 मिनट में ही 1105 पंच कर एक नया इतिहास रच दिया है. इस कारनामे के लिए उसे लंदन की पार्लियामेंट मार्च में सम्मानित करेगी. मार्टिन के माता-पिता ने कहा कि उसे बाहर वाले सम्मान दे रहे हैं लेकिन हरियाणा सरकार का कोई मंत्री उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा है. वह चाहते हैं कि बेटे की तरफ ध्यान दिया जाए ताकि वह ओलंपिक में जाकर देश प्रदेश का नाम रोशन कर सकें.
(पवन राठी की रिपोर्ट)