मध्य प्रदेश में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात को चलाए गए एक तलाशी अभियान में 9,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन 9,000 लोगों में लगभग 6,000 ऐसे अपराधी शामिल हैं जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लंबित थे. इसके अलावा, 2,600 के खिलाफ स्थाई वारंट था, लगभग 100 फरार आरोपी और 200 इनामी आरोपी भी पकड़े गए हैं. गश्त सरप्राइज होने की वजह से गुंडे-बदमाशों को भागने का मौका नहीं मिला.
क्यों चलाया गया ये ऑपरेशन
इस ऑपरेशन में 17,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. ये अभियान सुरक्षा, शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से चलाया गया. इस सर्च ऑपरेशन में अतिरिक्त महानिदेशकों, उप महानिरीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य रैंकों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. जिसमें 9000 से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. विभिन्न जिलों से भागे 1,000 से अधिक हिस्ट्रीशीटरों पर भी नजर रखी जा रही है.
पहली बार हुई इतनी बड़ी कांबिंग गश्त
एमपी पुलिस ने पहली बार एक साथ कांबिंग गश्त की है. हर थाने से पांच-पांच पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई थीं. इनके साथ ही रिजर्व पुलिस बल भी लगाया गया था. पकड़े गए आरोपियों में कुछ साधारण मामलों के आरोपी तथा अन्य गंभीर मामलों के फरार आरोपी शामिल हैं. डीजीपी सुधीर सक्सेना के निर्देश में यह कांबिंग गश्त की गई. सुधीर सक्सेना को इसी साल मार्च में MP का पुलिस महानिदेशक (DGP)बनाया गया है.
क्या है कांबिंग ऑपरेशन
कॉम्बिंग ऑपरेशन पुलिस या सैन्य अधिकारियों का छापा होता है जिसमें पूर्व-निर्धारित या संदिग्ध क्षेत्रों में छिपे अपराधियों को को ढूढने के लिए छापा मारा जाताहै. यह ऑपरेशन खुफिया जानकारियों पर आधारित होता है. इसके लिए किसी तरह के वारंट की जरूरत नहीं होती है. दुनिया के कई देशों में इसे पुलिस का हैरेसमेंट भी माना जाता है. यह एक तरह से सैन्य अभियान की तरह ही होता है.