अयोध्या में बन रहे पर्यटन केंद्रों में जल्द ही कोरियाई राजकुमारी के नाम पर बनने वाला पार्क नई सज-धज के साथ शामिल होने वाला है. रामकथा पार्क के पास क्वीन हो ह्वांग ( Queen Heo Hwang) पार्क पर्यटकों के लिए खोलने को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. दक्षिण कोरिया और अयोध्या के बीच मधुर संबंधों को मजबूत करने के लिए सरयू तट विकसित किए गए क्वीन हो मेमोरियल पार्क को हर तरह से पर्यटकों के अनुकूल बनाने की कोशिश की गई है.
पर्यटकों को एक और सौगात
सरयू के तट पर राम कथा पार्क के पास क़रीब दो हज़ार वर्ग मीटर में फैले इस पार्क में ऐसी सभी सुविधाएं होंगी जो पर्यटकों के लिए ज़रूरी है. इसमें पर्यटकों के रुकने के लिए कॉटेज होगा तो वहीं मल्टी कुजीन रेस्टोरेंट जैसी सुविधा भी होगी. सरयू तट ओर सुरम्य वातावरण में बने पार्क में देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए एक मेडिटेशन हॉल भी होगा साथ ही क्वीन पवेलियन, किंग पवेलियन भी होंगे.
होंगी ये खासियतें
अयोध्या के नवनिर्माण को लेकर जो प्राजेक्ट्स चल रहे हैं उसमें क्वीन हो के नाम पर बना ये पार्क अहम है. इसको देखते हुए चार साल से इसको नया रूप देने के लिए काम चल रहा है. इसमें वाटर टैंक, फुट ओवर ब्रिज, सब स्टेशन, पाथवे होंगे तो इसको म्यूरल से भी सजाया गया है. क्वीन हो पार्क में पर्यावरण को ध्यान में रख कर इसकी लैंडस्केपिंग की गयी है. ऑडियो-वीडियो सिस्टम से यहां आने वालों को एक नया अनुभव होगा. अयोध्या में दर्शनार्थियों के अलावा पर्यटकों की संख्या आने वाले समय में और बढ़ने का अनुमान है. इसके लिए पार्किंग का निर्माण भी किया जा रहा है. क्वीन हो मेमोरियल पार्क का निर्माण सितंबर 2019 में शुरू हुआ था और नवंबर 2021 में इसका कार्य पूरा हो गया था.
कोरियाई रानी क्वीन हो का अयोध्या से रहा है नाता
अयोध्या धाम में रामायण सर्किट के हिस्से में विकसित होने वाली परियोजनाओं में क्वीन हो पार्क भी शामिल है. 2018 के दीपोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जोंग सुक ने संयुक्त रूप से क्वीन हो मेमोरियल पार्क के नवीनीकृत रूप का शिलान्यास किया था. उसके बाद से इस पर काम चल रहा था. अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना जल मार्ग से अयोध्या पहुँची थीं. वहां उन्होंने राजा किम सोरो से शादी कर ली थी. मैंडरिन भाषा में लिखे कोरियाई साहित्य में इस बात का उल्लेख मिलता है. इसीलिए कोरियाई अयोध्या पहुंचते रहे हैं और भारत और कोरिया के सहयोग से ये पार्क बना है.
कोरिया में प्रचलित परंपरागत सामान की दुकानें भी होंगी आकर्षण का केंद्र
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी राजेन्द्र यादव ने बताया कि 'पार्क के संचालन के लिए इसे निजी संस्था को सौंप गया है. यह पार्क दक्षिण कोरिया और भारत सरकार की संयुक्त योजना के तहत बना है. इसमें कोरिया व अवध क्षेत्र की सामाजिक व सांस्कृतिक पहलुओं को दिखाया गया है. पार्क में अवध की संस्कृति को दर्शाने के लिए अवध पवेलियन और कोरिया के कल्चर को दर्शाने वाली कोरियन पवेलियन के साथ ही समुद्र को दिखाने के लिए वाटर बॉडी बनी है'.
प्रवेश शुल्क नहीं रखने पर किया जा रहा विचार
इस पार्क के मेंटेनेंस के लिए भी तैयारी पूरी कर ली गई है. कार्यदाई संस्था के डायरेक्टर सौरभ जैन ने बताया कि अयोध्या और कोरिया को जोड़ने वाले इस पार्क में किसी भी प्रकार का प्रवेश शुल्क नहीं रखे जाने पर विचार किया जा रहा है. इसके साथ ही आने वाले पर्यटकों के माध्यम से ही यहां की व्यवस्था भी संचालित हो इसके लिए कोरियन शैली के वेज रेस्टोरेंट, कोरिया में प्रचलित सामानों की दुकानें, बाहर से आने वालों के ठहरने के लिए लग्जरी कॉटेज, कांफ्रेंस हॉल, मनोरंजन केंद्र, कोरियन-इंडियन कल्चर के कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए हॉल शामिल है.