आधार सेवाओं का उपयोग अब दिल्ली सरकार की आठ ऑनलाइन सेवाओं के लिए किया जा सकता है क्योंकि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने केंद्र शासित प्रदेश में उद्योग विभाग को अपनी मंजूरी दे दी है. अधिकारियों ने बताया कि फ्रीहोल्ड में बदलाव, बकाये के ऑनलाइन भुगतान और रिफंड, गिरवी रखे जाने की मंजूरी, निर्माण की समय अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन जैसी ऑनलाइन सेवाओं के लिए आधार मान्य होगा.
क्या हैं सेवाएं
पिछले सप्ताह जारी विभाग की एक अधिसूचना में कहा गया है कि उद्योग विभाग की अन्य ऑनलाइन सेवाएं जो स्वैच्छिक आधार प्रमाणीकरण द्वारा कवर की जाएंगी, वो हैं गिरवी रखने की अनुमति, कब्जे के लिए आवेदन, संविधान में परिवर्तन और निर्माण के लिए समय का विस्तार. इन ऑनलाइन सेवाओं के लिए आवेदन करने वाले लोगों से उनके आधार विवरण के लिए उनकी सहमति मांगी जाएगी.
दस्तावेज़ में कहा गया है कि जिन उद्देश्यों के लिए आधार संख्या और संबंधित जानकारी और जिस तरीके से इसे मांगा गया है, उसे आवेदकों को स्पष्ट रूप से सूचित किया जाएगा.
किसी भी सेवा से वंचित नहीं किया जाएगा
आधार-आधारित प्रमाणीकरण की विफलता के कारण आवेदक को किसी भी सेवा या लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा. आधार नंबर कहीं भी डिस्प्ले नहीं होगा और इसे आधार डेटा वॉल्ट में सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जाएगा.भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, या UIDAI,एक वैधानिक प्राधिकरण है जिसे भारत के सभी निवासियों को 12 अंकों का आधार जारी करने के लिए सौंपा गया है.