आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadda) इन दिनों आंखों की एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. वह इसका इलाज कराने के लिए ब्रिटेन जाएंगे. एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा के पति राघव चड्डा रेटिना डिटेचमेंट (Retinal Detachment) को रोकने के लिए विट्रोक्टोमी सर्जरी कराएंगे.
क्या है रेटिना डिटेचमेंट
आंखों में होने वाली एक गंभीर बीमारी रेटिना डिटेचमेंट है. यह एक ऐसा कंडीशन है, जिसमें आंखों का पर्दा फट जाता है. इसमें रेटिना आंखों की पिछली परत से अलग हो जाती है. इस कारण रेटिना तक खून का संचार कम होने लगता है. रेटिना यदि ज्यादा समय तक अलग रहे तो आंखों की रोशनी तक जा सकती है. रेटिना डिटेचमेंट की शुरुआत होने पर व्यक्ति की आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है और धीरे-धीरे आंखों की रोशनी कम होने लगती है.
रेटिना डिटेचमेंट के कारण
1. रेटिनल डिटेचमेंट की समस्या बढ़ती उम्र में ज्यादा देखने को मिलती है.
2. बढ़ती उम्र में आंखों में मौजूद फ्लूड जिससे विट्रियस जेल कहा जाता है वो कम होने लगता है. इसका आकार बदलने पर रेटिना फट सकता है.
3. यदि व्यक्ति को किसी तरह की आंखों के आसपास इंजरी होती है, तब भी यह समस्या हो सकती है.
4. जिन लोगों की मोतियाबींद की सर्जरी हुई होती है उन्हें भी ये समस्या हो सकती है.
5. जिनकी पास की नजर कमजोर होती है, उनमें रेटिनल डिटेचमेंट का खतरा ज्यादा होता है.
6. यदि आपके परिवार में किसी सदस्य को रेटिनल डिटेचमेंट की समस्या हो, तब भी आपको यह बीमारी हो सकती है.
रेटिना डिटेचमेंट के लक्षण
1. यदि नजर के सामने अलग सी रोशनी की किरणें या धागे जैसी हिलने वाली वस्तुएं दिखने लगें.
2. यदि किसी व्यक्ति को आंख के किनारों से वस्तुएं अंधेरी सी दिखाई दें.
3. जब आंखों का पर्दा फट जाता है तो आपकी नजरों में फ्लोटर से ज्यादा नजर आने लगते हैं.
4. जब आप आसमान की तरफ देखते हैं तो कुछ आकृतियां तैरती नजर आती है, इन्हें फ्लोटर कहते हैं.
5. अचानक से लाइट का चमकना और आंखों का बोझिल हो जाना.
रेटिनल डिटेचमेंट के प्रकार
मुख्यतः तीन प्रकार के रेटिनल डिटेचमेंट होते हैं. पहला रेटिनल ब्रेक या टीयर जिसे मेडिकल शब्दों में रेग्मैटोजीनस रेटिनल डिटेचमेंट कहते हैं. इससे सबसे ज्यादा लोग पीड़ित होते हैं. दूसरा एक्सुडेटिव रेटिनल डिटेचमेंट है. यह रेटिना से तरल पदार्थ के रिसाव के कारण होता है. ट्रैक्शन रेटिनल डिटेचमेंट, रेटिनल डिटेचमेंट का तीसरा प्रकार है.
क्या है इलाज
स्क्लीरल बकल तकनीक से रेटिनल डिटेचमेंट का इलाज सबसे अधिक होता है. यह तकनीक रेग्मैटोजीनस रेटिनल डिटेचमेंट से पीड़ित व्यक्तियों के लिए इस्तेमाल की जाती है. इसमें सिलिकॉन का एक स्पंज या ठोस सिलिकॉन (जिसे बकल कहते हैं) से आंख की पुतली की बाहरी दीवार पर बने रेटिनल टीयर या छेद को सिला जाता है. पीड़ित ऑपरेशन के फौरन बाद अपने घर जा सकता है.
विट्रोक्टोमी सर्जरी ज्यादातर डाइबिटीज के कारण होने वाले ट्रैक्शन रेटिनल डिटेचमेंट से पीड़ित रोगी के लिए की जाती है. एक छेद वाला रेग्मैटोजीनस रेटिनल डिटेचमेंट से पीड़ित के लिए न्यूमैटिक रेटिनोपेक्सी एक अच्छा विकल्प है. इस तकनीक में एक गैस का बुलबुला आंख के मध्य भाग (जिसे विट्रियस कैविटी कहा जाता है) में इंजेक्ट किया जाता है. इसके बाद इस बुलबुले को इस तरह स्थित किया जाता है ताकि यह रेटिनल टीयर या छेद को ढक ले. नेत्र की नियमित जांच से आप रेटिनल डिटेचमेंट की समस्या से बहुत हद तक बच सकते हैं.