'शराब पीने वाले महापापी हैं!' बिहार में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद, शराबियों पर जमकर बरसे नीतीश

नीतीश कुमार ने ये बात राजद के विधान पार्षद के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही. उन्होंने कहा कि शराब पीने वाला महा अयोग्य और महापापी है. पूरी तरह शराबियों पर बरसते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि, शराब पीने वाला काबिल तो है ही नहीं, वो महा अयोग्य है, महापापी है.

बिहार में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद, शराबियों पर जमकर बरसे नीतीश
सुजीत झा
  • पटना,
  • 31 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST
  • शराब सेवन पर जमकर बरसे नीतीश
  • विधानसभा में शराबबंदी संशोधन विधेयक पारित 

बिहार के मुख्यमंत्री इन दिनों कब गुस्से से फट जाए कहना मुश्किल है. ताजा मामाला शराबबंदी के समर्थन में उनके बयान का है. नीतीश ने महात्मा गांधी का हवाला देते हुए शराबियों पर जमकर बरसे. उन्होंने शराबियों को भारतीय नागरिक मानने से इनकार कर दिया. साथ ही शराब पीने वाले को महापापी करार दिया. नीतीश कुमार ने कहा-जो लोग शराब पीते हैं वह हिन्दुस्तानी नहीं हैं. विधान परिषद में नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपिता की भावना बापू की भावना को भी अगर कोई नहीं मानता है, तो हम मानते ही नहीं हैं कि वो हिन्दुस्तानी है. वो भारतीय तो है ही नहीं.

शराब सेवन पर जमकर बरसे नीतीश
नीतीश कुमार ने ये बात राजद के विधान पार्षद के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही. उन्होंने कहा कि शराब पीने वाला महा अयोग्य और महापापी है. पूरी तरह शराबियों पर बरसते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि, शराब पीने वाला काबिल तो है ही नहीं, वो महा अयोग्य है, महापापी है. जो राष्ट्रपिता बापू की बात को भी नहीं सुनता है समझता है तो उसका क्या मतलब. उन्होंने इशारों में बिहार के पूरे सिस्टम को सलाह देते हुए कहा कि, "हमें शराब से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में लोगों को बताना चाहिए." लगे हाथ उन्होंने दूसरे राज्यों को भी सलाह दे डाली. 

विधानसभा में शराबबंदी संशोधन विधेयक पारित 
शराबबंदी पर लगातार आलोचना झेल रही बिहार सरकार शराबबंदी कानून में एक और संशोधन कर बैकफुट पर है. स्थिति ये है कि विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित किया जा चुका है और अब सरकार शराब पीने वालों के प्रति नरमी बरतेगी. मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने बुधवार को ही कहा कि शराब पीकर पकड़े जाने पर जुर्माना कर, छोड़ दिया जाएगा. इसके लिए राशि तय की जा रही है और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को कार्यभार सौंपा जाएगा.

नीतीश सरकार ने पेश किया था संशोधन विधेयक 
जहरीली शराब से हुई मौत और प्रदेश में शराबबंदी कानून की वजहों से कोर्ट पर और जेलों पर बढ़े दबाव के बाद नीतीश कुमार सरकार ने विधानसभा में संशोधन विधेयक 2022 पेश किया था. इसके तहत पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. इसमें प्रावधान था कि अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है.

ये हैं नए नियम
अब नए नियम के तहत एक प्रावधान ये भी है कि जब किसी शराबी को पुलिस की ओर से कानून उल्लंघन के लिए पकड़ा जाता है, तो शराबि को उस व्यक्ति का नाम बताना होगा जहां से शराब प्राप्त की गई थी. हालांकि इसे लेकर भी बवाल हुआ. अब कानून की नई ढील को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. लोग कह रहे हैं कि इससे पुलिस की मनमानी बढ़ जाएगी. ये लोग ज़मानत से कम राशि लेकर शराबी को छोड़ देंगे. पुलिस में और भ्रष्टाचार बढ़ेगा. वहीं कुछ लोगों ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि ये संशोधन साफ बता रहा है कि बिहार सरकार मान लिया है कि बिहार में शराब मिल रही है और लोग पी रहे हैं.

 

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