कोरोना के बाद बाजारों में लौटी रौनक, होली पर 80 फीसदी बढ़ी बिक्री

दो साल में पहली बार ऐसा होगा जब कोरोना की गाइडलाइन्स की फिक्र किये बिना लोग होली मनाएंगे. इसका असर बाज़ारों में साफ देखा जा सकता है. सदर बाज़ार में होली की खरीदारी के लिए भारी भीड़ दिखाई दी. बाज़ारों की रौनक़ एक बार फिर लौट आई है. यही वजह है कि दुकानदार और ग्राहक सब खुश हैं.

होली पर 80 फीसदी बढ़ी बिक्री
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST
  • काम में आया है 80 फीसदी उछाल
  • बाजारों में इस बार नहीं आया चाइनीज माल

लगभग दो साल के लंबे इंतजार के बाद होली के मौके पर बाज़ारों में एक बार फिर रोनक देखने को मिली है. बाज़ारो में दुकानदारो ओर खरीदारों के चेहरे पर खुशी देखने को मिली. कोरोना की वजह से पिछले दो साल से होली पर पाबंदियों की गहरा असर देखा जा रहा था. लोगों को सार्वजनिक रूप से होली मनाने पर रोक थी. जिसका असर ये हुआ था कि होली पर खरीदारी कम हुई. सिर्फ होली ही नहीं बल्कि राखी का त्योहार हो या फिर दीवाली सब पर कोरोना के साया था. 

काम में आया है 80 फीसदी उछाल
दो साल में पहली बार ऐसा होगा जब कोरोना की गाइडलाइन्स की फिक्र किये बिना लोग होली मनाएंगे. इसका असर बाज़ारों में साफ देखा जा सकता है. सदर बाज़ार में होली की खरीदारी के लिए भारी भीड़ दिखाई दी. बाज़ारों की रौनक़ एक बार फिर लौट आई है. यही वजह है कि दुकानदार और ग्राहक सब खुश हैं. कोरोना पर पाबंदी ना होने की वजह से दुकानदारों की बिक्री में काफी उछाल आया है. सदर बाजार मार्किट एसोसिएशन के अध्यक्ष हरजीत सिंह छाबड़ा ने बताया कि पाबंदी ना होने की वजह से इस बार काम बहुत बढ़िया है. 80% फीसदी काम में उछाल आया है. मोदी जी मेक इन इंडिया का असर है कि सब तरह की सामग्री भारत में ही बन रही है. दुकानदार और ग्राहक सब खुश नजर आ रहे हैं.

बाजारों में इस बार नहीं आया चाइनीज माल
दुकानदार बताते है इस बाजार में चाइना से माल आया ही नहीं. इस बार बाज़ार में सिर्फ इंडियन माल आये है. जिसको बचने के लिए हम भी खुश है और खरीदने वाले भी. साथ ही माल बनने वाले इंडियन है जो काफी अच्छी बात है. 

बाजारों में बिक रहे हैं अच्छी क्वालिटी के रंग
बाजार में इस बार रंग वाले अनार, स्काई शॉट्स, ओर हर्बल रंगों की सबसे ज्यादा डिमांड है. और इसके अलावा कंपनियों ने पक्के रंग भी बनाये है. जो कि काफी अच्छी क्वालिटी के है.

(सुशान्त मेहरा की रिपोर्ट)


 

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