अखिलेश यादव ने आज अपनी तीसरी सूची जारी कर दी. अखिलेश यादव ने जिन सात सीटों का आज ऐलान किया उसमें एक सीट उसने टीएमसी को दी है और 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.इस सूची में 5 दलितों को उन्होंने अपना लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है. चौंकाने वाली बात यह है कि अखिलेश यादव ने दो सामान्य सीटों से दलित चेहरे उतारे हैं.
मेरठ से भानु प्रताप तो बिजनौर से यशवीर
मेरठ से समाजवादी पार्टी ने भानु प्रताप सिंह जो की पेशे से सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और दलित एक्टिविस्ट हैं, उन्हें चेहरा बनाया है. इसके अलावा EVM के खिलाफ उन्होंने एक बड़ा कैंपेन भी छेड़ रखा है. अखिलेश यादव ने उन्हें मेरठ से अपना प्रत्याशी बनाया है.यशवीर सिंह को अखिलेश यादव ने बिजनौर की सामान्य सीट से उतारा है. यशवीर सिंह धोबी बिरादरी से आते हैं.यशबीर नगीना से पहले सांसद रह चुके हैं लेकिन इस बार अखिलेश यादव ने उन्हें नगीना की बजाय सामान्य सीट से उतार दिया.बताते चलें कि यशवीर सिंह पूर्व सांसद हैं और संसद के प्रमोशन में आरक्षण का बिल फाड़ने के मामले में चर्चा में आए थे.
चंद्रशेखर आजाद को लगा झटका
सबसे बड़ा झटका चंद्रशेखर आजाद रावण को लगा है. हालांकि चंद्रशेखर को इसका अंदाजा हो चुका था कि अखिलेश यादव उनकी सीट पर जरूर उम्मीदवार उतारेंगे. नगीना से अखिलेश यादव ने मनोज कुमार जो की पूर्व जज (ADJ) हैं, उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. हालांकि आज चंद्रशेखर आजाद रावण ने नगीना में अपना शक्ति प्रदर्शन भी किया लेकिन उनका कार्यक्रम खत्म होने के तुरंत बाद अखिलेश यादव ने मनोज कुमार को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया.
समाजवादी पार्टी में हाथरस की सुरक्षित सीट से जसवीर वाल्मीकि और लालगंज से दरोगा सरोज को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. जबकि अलीगढ़ से अखिलेश यादव ने जाट उम्मीदवार को मैदान में उतारा है.इसके अलावा ममता बनर्जी के प्रत्याशी ललितेश पति त्रिपाठी के लिए भी अखिलेश यादव ने भदोही की सीट छोड़ दी है यानी पुराने कांग्रेसी लेकिन अब टीएमसी उम्मीदवार ललितेश पति त्रिपाठी भदोही से चुनाव लड़ेंगे.