मिठास और खास स्वाद लिए श्रीनगर में पहली बार आयोजित हुआ ‘सेब महोत्सव’

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पहली बार ‘सेब महोत्सव’ आयोजित किया जा रहा है. 28 अक्टूबर को शुरू हुआ ये महोत्सव, दो दिन तक चलने वाला है. बता दें, कश्मीर का सेब कुल राष्ट्रीय उत्पादन में 87 प्रतिशत योगदान देता है. जम्मू-कश्मीर की लगभग 30 प्रतिशत आबादी की आजीविका से सेब खेती से ही जुड़ी हुई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST
  • कश्मीर का सेब कुल राष्ट्रीय उत्पादन में 87 प्रतिशत योगदान देता है
  • 28 अक्टूबर को शुरू हुआ है ये महोत्सव
  • लगभग 30 प्रतिशत आबादी की आजीविका से सेब खेती से ही जुड़ी हुई है

हम सब जानते हैं कि कश्मीर अपने सेबों की मिठास और खास स्वाद के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. अब इसी को बढ़ावा देने के लिए जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पहली बार सेब महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. 28 अक्टूबर को शुरू हुआ ये ‘सेब महोत्सव, दो दिन तक चलने वाला है. कार्यक्रम के शुभारंभ में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं उप राज्यपाल मनोज सिन्हा मौजूद रहे. 

सेब उत्पादकों को देगा बेहतर प्लेटफॉर्म 

इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि सेब व कश्मीर एक-दूसरे के पर्याय हैं. यह यहां की मुख्य फसल है. इसके साथ ये महत्वपूर्ण आयोजन यहां के सेब उत्पादकों व अन्य हितधारकों को बेहतर प्लेटफार्म प्रदान करेगा. 

सेब की खेती से जुड़ी है 30% आबादी 

कृषि मंत्रालय के अनुसार, 2.2 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक के वार्षिक उत्पादन के साथ कश्मीर का सेब कुल राष्ट्रीय उत्पादन में 87 प्रतिशत योगदान देता है. जम्मू-कश्मीर की लगभग 30 प्रतिशत आबादी की आजीविका से सेब खेती से ही जुड़ी हुई है. 

बढ़ेगी किसानों की आमदनी

‘सेब महोत्सव’ का आयोजन किसानों की आमदनी बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हो सकता है. कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में एक विशेष योजना के तहत 2300 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया जा चुका है व उच्च घनत्व वाली रोपण सामग्री के लिए सबसे बड़ा क्वारंटाइन सेंटर भी खोला जा रहा है.

जैसे जैसे टेक्नोलॉजी का रोल कृषि में बढ़ता जा रह है वैसे वैसे ही आज नई पीढ़ी भी कृषि की ओर आकर्षित हो रही है. इसके लिए कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि के क्षेत्र को और विकसित करने के लिए जम्मू-कश्मीर को सरकार द्वारा हर संभव मदद दी जाएगी.

राज्य के किसान कर रहे हैं बेहतरीन प्रदर्शन 

उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस दो दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि जीडीपी में कृषि व इससे संबंधित क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है और यहां के ज्यादातर निवासी कृषि पर आधारित हैं. किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं. राज्य के किसान भी आज बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं. 
 
किसानों की की जाएगी पूरी आर्थिक सहायता 

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि मौसम के कारण हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा किसानों की पूरी आर्थिक सहायता की जाएगी. इस दौरान, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भी बताया कि कृषि का बजट अब 1.23 लाख करोड़ रुपए है, ये बजट पहले लगभग 22 हजार करोड़ रुपये होता है.

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