आजकल एयरपोर्ट पर भी काफी भीड़भाड़ होने लग गई है. यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंत्रालय हर समस्या से निपटने के लिए कई सारे नए नियम ला रहा है.
एयरलाइनों द्वारा एक विशेष श्रेणी के लिए बुक किए गए उनके टिकटों के बारे में कई यात्रियों ने शिकायत की थी जिस पर अब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) अपनी नागरिक उड्डयन आवश्यकता (सीएआर) में संशोधन कर रहा है. डीजीसीए उन यात्रियों को मुआवजा देने के नियम जल्द ही जारी करेगा जिनके यात्रा टिकट को एयरलाइंस ने उनकी मर्जी के बगैर डाउनग्रेड कर दिया हो. वहीं उड़ान रद्द होने पर यात्रियों को हर्जाना भी दिया जाएगा.
मिलेगी फ्री फ्लाइट
इसका मतलब यह है कि अगर कोई एयरलाइन अनजाने में चेक-इन के समय बिजनेस, फर्स्ट या प्रीमियम इकोनॉमी टिकट खरीदने वाले यात्री को कम केबिन श्रेणी में डाउनग्रेड करती है, तो उन्हें भुगतान किए गए पूरे प्रीमियम किराए को वापस करने और व्यक्ति को मुफ्त में उड़ान भरने की अनुमति देनी होगी. इस कदम से एयरलाइन द्वारा अपने टिकट को डाउनग्रेड करने से प्रभावित हवाई यात्रियों के अधिकारों की रक्षा करने में मदद मिलेगी.
फरवरी से होंगे लागू
डीजीसीए के अनुसार, वह जल्द ही एयरलाइनों द्वारा टिकटों की डाउनग्रेडिंग पर दिशानिर्देश जारी करेगा. डीजीसीए के अनुसार एक बार नियम लागू हो जाने के बाद, संबंधित एयरलाइन को ऐसे टिकटों का पूरा मूल्य वापस करना होगा, जिसमें कर भी शामिल है और साथ ही प्रभावित यात्री को अगली उपलब्ध क्लास में मुफ्त में सफर करने का मौका मिलेगा. ये नियम उन सभी एयरलाइनों पर लागू होंगे जो भारत आती और जाती हैं. नए मानदंड अगले साल फरवरी में लागू होने की संभावना है.
"डीजीसीए अपने नागरिक उड्डयन आवश्यकता (सीएआर) खंड -3, श्रृंखला एम भाग IV में संशोधन करने की प्रक्रिया में है." अधिकारों की रक्षा के लिए "बोर्डिंग से इनकार करने, उड़ानों को रद्द करने और उड़ानों में देरी के कारण एयरलाइंस द्वारा यात्रियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाएं" हवाई यात्रियों की संख्या उनके टिकट के डाउनग्रेड होने से प्रभावित हुई.
डीजीसीए ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, हालांकि, यह प्रस्ताव हितधारक परामर्श के माध्यम से जाएगा और अंतिम विनियमन प्रकाशित किया जाएगा और बाद में लागू किया जाएगा."
वहीं अगर बोर्ड ने मना किया तो इसको लेकर भी कई सारे नियम बनाए गए हैं.
- अगर एयरलाइन ने विमान में ओवरबुकिंग की है तो लाभ के बदले एयरलाइन को वॉलंटियर करने को कहा जाएगा.
- अगर यात्री के पास कंफर्म टिकट है लेकिन फिर भी उसे बोर्डिंग से मना किया जाता है और अगर एक घंटे के अंदर उसी जगह से वैक्लिपिक उड़ान का इंतजाम हो जाता है तो कोई कंपंसेशन नहीं मिलेगा.
- अगर एयरलाइन यात्री को विमान में सफर करने के लिए कंफर्म टिकट होने के बावजूद बोर्डिंग से मना करती है और वैक्लिपिक उड़ान का इंतजाम करने में 24 घंटे का समय लग जाता है तो ऐसी स्थिति में कंपंसेशन दिया जाएगा. एक तरफ के किराए का 200 फीसदी साथ में फ्यूल चार्ज (अधिकतम 10 हजार रुपये) दिया जाएगा.
- वहीं अगर वैकल्पिक उड़ान का इंतजाम 24 घंटे बाद होता है तो ऐसी हालत में कंपंसेशन एक तरफ के किराए का 400 फीसदी और फ्यूल चार्ज (अधिकतम 20 हजार रुपये) देना होगा.
- अगर यात्री वैकल्पिक उड़ान नहीं चाहता है तो पूरा रिफंड और एक तरफ के किराए का 400 फीसदी और फ्यूलचार्ज (अधिकतम 20 हजार रुपये) तक देना होगा.