अब आपको इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) से जुड़ी जानकारियों के लिए इधर -उधर नहीं जाना होगा, आप केवल एक वेबसाइट के माध्यम से ही सबकुछ जान सकेंगे. यूनाइटेड किंगडम के ग्लासगो में चल रहे COP26 समिट में केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर एक वेब पोर्टल 'ई-अमृत' (e-amrit) लॉन्च किया है. इस लॉन्च में यूके के हाई-लेवल क्लाइमेट एक्शन चैंपियन निगेल टॉपिंग और नीति आयोग के कंसलटेंट सुधेंदु ज्योति सिन्हा ने हिस्सा लिया.
नीति आयोग के अनुसार, ‘ई-अमृत’ इलेक्ट्रिक वाहनों पर सभी सूचनाओं के लिए एक वन-स्टॉप डेस्टिनेशन (One Stop Destination) है. इसपर आप इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपनाने, उसकी खरीद, इन्वेस्टमेंट के अवसर, पॉलिसी और सब्सिडी के बारे में जान सकेंगे.
यूके-इंडिया जॉइंट रोडमैप 2030
दरअसल, इस पोर्टल को ब्रिटेन सरकार के साथ नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत नीति आयोग द्वारा बनाया और होस्ट किया गया है. ये यूके-इंडिया जॉइंट रोडमैप 2030 के एक हिस्से के रूप में बनाया गया है, जिसपे दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने साइन किये हैं.
डीकार्बोनाइजेशन और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर हो रहा है काम
दरअसल, शुरुआत से ही ऐसा महसूस किया जाता रहा है कि लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जागरूक करने की जरूरत है और इसीलिए यह ‘ई-अमृत’ लॉन्च किया गया है. हाल के दिनों में, भारत ने देश में परिवहन के डीकार्बोनाइजेशन (Decarbonisation) और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Electric Mobility) को अपनाने में तेजी लाने के लिए कई पहल की हैं. जिसमें फेम (FAME_और पीएलआई (PLI) जैसी योजनाएं ईवीएस को जल्दी अपनाने के लिए एक इकोसिस्टम बना रही हैं.
देश में लगाए जाएंगे 22 हजार EV चार्जिंग स्टेशन
आपको बता दें, हाल ही में देश में 22 हजार इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन (Electric Vehicle Charging Station) लगाने की घोषणा की गयी है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, सड़क के साथ बाजार में भी चार्जिंग पॉइंट लगाने का काम शुरू हो चुका है. सरकार द्वारा देश के अलग-अलग क्षेत्रों में पेट्रोलपंप मालिकों को भी अपने कैंपस में ई-वाहन चार्जिंग सुविधाएं लगाने की इजाजत दे दी गई है.
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, साल 2030 तक देश में प्राइवेट कारों के लिए 30 फीसदी, कमर्शियल वाहनों लिए 70 फीसदी, बसों के लिए 40 फीसदी और दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 80 फीसदी बिक्री की उम्मीद की जा रही है. इसके साथ इन वाहनों की चार्जिंग के लिए सोलर (Solar) और बायोमास (Biomass) जैसे ऑप्शन पर काम किया जा रहा है.