Delhi's All-Woman Police Patrols: बिना किसी देरी के होगी महिलाओं की शिकायतों पर लिया जाएगा एक्शन, दिल्ली की सड़कों पर दौड़ेगी ऑल वीमेन PCR वैन

रेगुलर पीसीआर वैन की तरह ही इन सभी महिला वैनों में ड्राइवर, गनर और पीसीआर ऑपरेटर होती हैं. उनकी नौ घंटे की शिफ्ट सुबह 9 बजे शुरू होती है. ये वैन संवेदनशील इलाकों और ऐसे इलाकों में गश्त करती हैं जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध होने की आशंका ज्यादा है. 

Delhi's All-Woman Police
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 03 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 2:40 PM IST
  • नॉर्मल पीसीआर वैन की तरह ही है यह 
  • 1600 से ज्यादा मिली है अब तक कॉल्स

लड़कियों को सुरक्षित रखने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि महिलाओं को जब कुछ परेशानी होती है तो वे पुलिस या पीसीआर वैन में मौजूद पुलिस से उसे बताने में हिचकिचाती हैं. पर अब ऐसा नहीं होगा. अब दिल्ली की सड़कों पर ऑल वीमेन पीसीआर वैन या ऐसी पीसीआर वैन होगी जिसमें केवल महिलाएं होंगी. दिल्ली में कॉलेजों, बाजारों और मॉल सहित महिलाओं की सुरक्षा के लिए 15 महिला पुलिस कंट्रोल रूम वैन तैनात की गई हैं. ये वो क्षेत्र हैं जहां महिलाएं या लड़कियां ज्यादा होती हैं और उन्हें कोई परेशानी हो सकती है. 

नॉर्मल पीसीआर वैन की तरह ही है यह 

नॉर्मल पीसीआर वैन की तरह ही, सभी महिलाओं वाली वैन में भी तीन लोगों की एक टीम होती है. इसमें एक ड्राइवर, गनर और पीसीआर ऑपरेटर शामिल होती हैं. ऑस्कर 4 में सरिता ड्राइवर, कांस्टेबल मनीषा और गनर और हेड कांस्टेबल सविता हैं. तीनों महिलाएं सुबह 9 बजे अपनी नौ घंटे की शिफ्ट शुरू करती हैं और दिन खत्म संवेदनशील इलाकों और महिलाओं के खिलाफ अपराध की आशंका वाले इलाकों में गश्त करती हैं.

बता दें कि जरूरी डेटा से भरे टैबलेट से लैस, ये महिला पुलिसकर्मी पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ अपनी शिफ्ट को भी पूरा करती हैं. 

संवेदनशील इलाकों में करेंगी गश्त 

रेगुलर पीसीआर वैन की तरह ही इन सभी महिला वैनों में ड्राइवर, गनर और पीसीआर ऑपरेटर होती हैं. उनकी नौ घंटे की शिफ्ट सुबह 9 बजे शुरू होती है. ये वैन संवेदनशील इलाकों और ऐसे इलाकों में गश्त करती हैं जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध होने की आशंका ज्यादा है. 

1600 से ज्यादा मिली है अब तक कॉल्स 

इनके काम के एक महत्वपूर्ण हिस्से में घरेलू विवादों, विशेषकर घरेलू हिंसा के मामलों में कंसल्ट और मध्यस्थता शामिल है. पिछले छह महीनों में, इन पीसीआर वैनों को शहर में महिला-केंद्रित चिंताओं और आपात स्थितियों को संबोधित करते हुए 1,600 से अधिक कॉल मिली हैं. महिलाओं की जरूरतों के हिसाब से ही इन वैन को लैस किया गया है. ये किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं.

अपनी भूमिका से इतर, इसकी मदद से पुलिस दूसरी महिलाओं के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने का काम कर रही है. इतना ही नहीं बल्कि वे कहानियां साझा करती हैं, समस्याओं का समाधान करती हैं, और अपने गश्ती वाहन से महिलाओं की सुरक्षा सनिश्चित कर रही हैं. अर्बन पुलिसिंग की चुनौतियों के बीच, ये सभी महिला पीसीआर वैन पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्र में आशा और प्रगति की किरण के रूप में खड़ी हैं.

(गुड न्यूज टुडे चैनल को WhatsApp पर फॉलो करें)


 

Read more!

RECOMMENDED