आपने कई बिजनेस और स्टार्ट अप ऐसे सुने होंगे जो महिलाओं द्वारा चलाए जाते हैं. लेकिन हम आपको एक ऐसी मार्केट के बारे में बताएंगे जहां महिलाओं का दबदबा है. मीराबाई चानू के ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के बाद पूरे देश का ध्यान मणिपुर की महिलाओं पर गया है. यहां की महिलाएं हमेशा से पुरुषों से आगे रही है. चलिए हम आपको मणिपुर की राजधानी इंफाल में महिला शक्ति की एक कहानी सुनाते हैं
महिलाएं करती हैं इस बाजार का संचालन
इंफाल में एक बहुत पुराना बाजार है, जिसका अपना महत्व है. बाजार के संचालन से लेकर सारा काम महिलाओं के जिम्मे ही है. महिलाओं का चुना गया यूनियन ही इसके प्रशासन संबंधी कामों को संभालता है. एक बार ये बाजार नॉर्थ ईस्ट इलाके में आए भूकंप में क्षतिग्रस्त हो चुका है. लेकिन मरम्मत के बाद अब यहां फिर बहुत चहल-पहल रहती है. अगर कारोबार की बात करें तो यहां रोज लाखों का कारोबार होता है.
मिलता है जरूरत का हर सामान
इस मदर्स मार्केट को खैरबंद बाजार या नुपी कैथल के नाम से जाना जाता है. मणिपुर में इसे मैथिल मार्केट कहते हैं. कई महिलाएं तो यहां पीढ़ियों से दुकान लगा रही हैं. यहां हर तरह के घरेलू सामान बिकते हैं. जिसमें हैंडीक्राफ्ट, खिलौने कपड़े, सौंदर्य प्रसाधन, खाने का सामान, मसाले, सब्जियां, मीट और वो सारे सामान बिकते हैं, जिनका इस्तेमाल रोज आपके घरों में होता है. इस बाजार में पुरुषों की किसी तरह की कोई भूमिका नहीं होती है.
कई सौ साल पुराना है ये मार्केट
पहले तो ये बाजार शेड्स में लगा करता था लेकिन फिर इंफाल म्युनिसिपल कौंसिल ने यहां चार मंजिला भवन बना दिया है. जिसमें सारा बाजार लगता है. हालांकि ये बाजार कई सौ साल पुराना है. इसका पहला जिक्र मणिपुर के गजेटियर में 1786 में महिला बाजार के रूप में हुआ था.
समाज को जागरूक करती हैं महिलाएं
बाजार में लंच के समय अक्सर यहां की महिलाएं सामाजिक आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करती हैं. यही नहीं बाजार की दुकानदार महिलाओं समाज में जागरूकता फैलाने का भी काम करती हैं. वैसे भी मणिपुर में महिलाएं दूसरे राज्यों की तुलना में अधिक अधिकार संपन्न और पुरुषों से आगे है.