हरियाणा के कैथल को पशु प्रेम के लिए काफी समय से जाना जाता है. इसमें सुलतान जैसे झोटे की बात हो जिसकी कुछ महीने पहले मौत के बाद पशु प्रेमियों में शौक की लहर दौड़ गई थी, तो वहीं अब सुलतान के ही पास लगते गांव में एक सांड जिसको हरियाणा में खागड़ भी कहते हैं उसकी मौत हुई तो गांव बाबा लदाना में उसका पूरे सम्मांन के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
उम्र के चलते हुए खगाड़ की मौत
गांव बाबा लदाना में ये खागड़ बचपन से रहता था और गांववालों ने बड़े लाड़-प्यार से इसको पाला था. कुछ दिन पहले ये बीमार हुआ था जिसकी वजह से कल खागड़ की मौत हो गई तो पूरे गांव में शौक की लहर दौड़ गई. हालांकि गांव वालों ने बीमारी के दौरान इसकी खूब सेवा भी की लेकिन उम्रदराज होने की वजह से बचा नहीं पाए. इसकी मौत के बाद भी गांव वालों का प्रेम इसके प्रति कम नहीं हुआ और पूरे सम्मान के साथ खागड़ का अंतिम संस्कार किया गया. पूरा गांव अंतिम संस्कार में शामिल हुआ और जिस तरह से एक सन्यासी की विदाई की जाती है वैसे ही खागड़ को भी अंतिम विदाई दी गई.
अंतिम यात्रा में बरसाए फूल
जहां ग्रामीणों ने अंतिम यात्रा में फूल बरसाकर विदाई दी, तो महिलाओं ने भी भजन गाकर खागड़ की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. अंतिम यात्रा के दौरान का नजारा इस तरह का था कि जैसे कोई राजनेता अपनी अंतिम यात्रा के लिए ले जाया जा रहा हो. पूरे सम्मान के साथ खागड़ का अंतिम संस्कार किया गया. वैसे भी हरियाणा में खागड़ को ग्राम देवता के रूप में देखा जाता है.
बछड़े को दी जाएगी पदवी
गांव वालों को खागड़ के जाने का काफी दुःख है. उन्होंने कहा, “ये सांड बहुत शरीफ था और गांव वालों के लिए बड़े दुःख का विषय है, लेकिन फिर भी हर नम आंख से और सम्मान के साथ विदाई दी गई. इसको बचपन से गांव वालों ने बड़े लाड-प्यार से पाला है. यहां अब इसके बछड़े को इसकी पदवी दी जाएगी.”
(वीरेंद्र पुरी की रिपोर्ट)
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