दिल्ली में Anti Dust Campaign शुरू, उल्लंघन पर लगेगा लाखों का जुर्माना..पढ़ लें ये नियम

Anti Dust Campaign: दिल्ली में 6 अक्टूबर से 6 नवंबर तक एंटी डस्ट अभियान चलाया जाएगा. इस कड़ी में कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण संबंधी 14 एंटी डस्ट नियमों को लागू करना जरूरी है. एंटी डस्ट अभियान के तहत 586 टीमों का गठन किया गया है. जिसमें डीपीसीसी की 33 टीमें शामिल हैं. कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम उल्लंघन होने पर एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक 10 हजार से 5 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा.

Anti Dust Campaign started in Delhi
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST
  • निर्माण साइट्स पर 14 सूत्रीय नियमों को लागू करना जरूरी
  • नियमों के ज्यादा उल्लंघन पर कंस्ट्रक्शन साइट को किया जाएगा बंद

एंटी डस्ट कैंपेन के लिए 586 टीमों का गठन किया है. जिसमें 12 संबंधित विभागों की टीम शामिल है. इसमें डीपीसीसी की 33 टीम, राजस्व विभाग की 165 टीम, एमसीडी की 300 टीम डीएसआईआईडीसी की 20 टीम, दिल्ली जल बोर्ड की 14 टीम, डीडीए की 33 टीम, दिल्ली मेट्रो की 3 टीम, सीपीडब्लूडी की 6 टीम, पीडब्लूडी की 6 टीम, एनडीएमसी की 1 टीम, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड की 4 टीम और एनएचएआई की 1 टीम शामिल है.

10 हजार से 5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा

ये टीम लगातार निर्माण साइट्स का दौरा करेगी. यह सुनिश्चित करेगी कि वहां निर्माण संबंधी दिशा निर्देशों का पालन हो. निर्माण साइट्स पर 14 सूत्रीय नियमों को लागू करना जरूरी है. जो भी साइट्स डस्ट कंट्रोल के नियम का पालन नहीं करेगा, उसपर कानून के अनुसार कार्रवाई की जायेगी. कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम के उल्लंघन होने पर एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक 10 हजार से 5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा. दोबारा उल्लंघन मिलने पर उससे अधिक रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा. अगर ज्यादा उलंघन होगा तो कंस्ट्रक्शन साइट को बंद कर दिया जाएगा.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि एंटी डस्ट अभियान दिल्ली में लागू है. इसके तहत 500 वर्ग मीटर और उससे ऊपर के सभी निर्माण/विध्वंस वाले प्रोजेक्ट सीएंडडी पोर्टल पर पंजीकृत होना जरूरी है. बिना पंजीकरण के कार्य करने की अनुमति नहीं मिलेगी.

कंस्ट्रक्शन साइटों के लिए निर्माण के तय किए गए नियम

  • सभी निर्माण साइटों पर निर्माण स्थल के चारों तरफ धूल रोकने के लिए ऊंची टीन की दीवार खड़ी करना जरूरी है.

  • धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर ही एंटी स्मोग गन लगाने का नियम था. अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. 5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साइट पर 1 एंटी स्मॉग गन, 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर साइट पर 2, 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साइट पर 3 और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर की निर्माण साइट पर कम से कम 4 एंटी स्मॉग गन होनी चाहिए.

  • निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य के लिए निर्माणाधीन क्षेत्र और भवन को त्रिपाल या नेट से ढकना जरूरी है.

  • निर्माण स्थल पर निर्माण सामग्री को लाने, ले जाने वाले वाहनों की सफाई और पहिए साफ करना जरूरी है.

  • निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को पूरी तरह से ढंकना जरूरी है.

  • निर्माण सामग्री और ध्वस्तीकरण का मलबा चिन्हित जगह पर ही डालना जरूरी है, सड़क के किनारे उसके भंडारण पर प्रतिबंध है.

  • किसी भी प्रकार की निर्माण सामग्री, अपशिष्ट, मिट्टी-बालू को बिना ढके नहीं रखना है.

  • निर्माण कार्य में पत्थर की कटिंग का काम खुले में नहीं होनी चाहिए. साथ ही साथ ही वेट जेट का उपयोग पत्थर काटने में किया जाना चाहिए.

  • निर्माण स्थल पर धूल से बचाव के लिए कच्ची सतह और मिट्टी वाले क्षेत्र में लगातार पानी का छिड़काव करना चाहिए.

  • बीस हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र के निर्माण और ध्वस्तीकरण साइट्स जाने वाली सड़क पक्की और ब्लैक टोप्पड होनी चाहिए.

  • निर्माण और ध्वस्तीकरण से  उत्पन्न अपशिष्ट का साइट पर ही रिसायकल किया जाना चाहिए या उसका  चिन्हित साइट पर निस्तारण किया जाए और उसका रिकॉर्ड मेंटेन किया जाए.

  • निर्माण स्थल पर लोडिंग-अनलोडिंग एवं निर्माण सामग्री या मलबे की ढुलाई करने वाले कर्मचारी को डस्ट मास्क देना पड़ेगा.

  • निर्माण स्थल पर कार्य करने वाले सभी वर्कर के लिए चिकित्सा की व्यवस्था करनी होगी.

  • निर्माण स्थल पर धूल कम करने के उपाय के दिशा-निर्देशों का साइन बोर्ड प्रमुखता से लगाना पड़ेगा.

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