महिलाएं भी नेशनल डिफेन्स अकादमी (NDA) में शामिल हो सकेंगी. अब एनडीए में महिला उम्मीदवार भी भाग ले सकती हैं. सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने शुक्रवार को एनडीए की 141वीं पासिंग आउट परेड में कैडेट्स को सम्बोधित करते हुए कहा कि एनडीए में महिलाओं के प्रवेश के साथ ये उम्मीद की जाती है कि हम उनका स्वागत करें. सेना प्रमुख ने कहा कि कुछ सालों बाद ऐसा मौका आएगा जब हम सेना में महिलाओं को अपने बराबर पदों पर खड़ा देखेंगे.
महिलाएं भी करेंगी पुरुष कैडेट्स की तरह अच्छा प्रदर्शन
आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने कहा, "चालीस साल बाद महिलाएं वहां खड़ी होंगी जहां अभी मैं खड़ा हूं." इसके बाद सेना प्रमुख ने ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे पास पहले से ही ट्रेनिंग लेनी वाली महिला अधिकारी नहीं हैं. ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई में हमारे पास महिला कैडेट हैं जहां वे बहुत अच्छा कर रही हैं.
उन्होंने आगे कहा कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, हम महिला कैडेटों को एनडीए में शामिल करेंगे और मुझे यकीन है कि वे पुरुष कैडेटों की तरह अच्छा प्रदर्शन करेंगी. यह लैंगिक समानता (Gender Equity) की दिशा में पहला कदम है. देश में हुई ऐसी सभी पहलों में सेना हमेशा सबसे आगे रही है.
क्या महिला कैडेटों (Cadets) की ट्रेनिंग होगी अलग?
यह पूछे जाने पर कि क्या एनडीए में शामिल होने के बाद महिला कैडेटों की ट्रेनिंग में कोई अंतर होगा, तो इसपर उन्होंने कहा, "ट्रेनिंग सेशन वही रहेगा क्योंकि हम चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में पहले से ही उसी का पालन कर रहे हैं, जहां सभी स्काउट्स साथ में एक ही ट्रेनिंग करते हैं."
गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट के बाद सितंबर में रक्षा मंत्रालय ने भी बताया था कि महिला उम्मीदवारों को अगले साल से एनडीए परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि अगले साल नहीं बल्कि नवंबर से ही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए.
भारत नहीं है किसी भी देश से पीछे
सेना प्रमुख ने तकनीकी युद्ध (Technology warfare) के बारे में भी बात की. उन्होंने भारत की ताकत पर जोर देते हुए कहा कि यह किसी भी विकासशील या विकसित देश से पीछे नहीं है. उन्होंने कहा, "युद्ध का करैक्टर वर्षों से बदल रहा है और वर्षों से टेक्नोलॉजी ने युद्ध के तरीकों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जहां तक सशस्त्र बलों में टेक्नोलॉजी को शामिल करने की बात है मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि हम दुनिया के किसी भी विकसित या विकासशील देश की तुलना में पीछे नहीं हैं.”