रक्षा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के लिए हाथ बड़ी सफलता लगी है. भारतीय सेना ने स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित पिनाका उन्नत रेंज रॉकेट का परीक्षण पूरा कर लिया है. अभी तक भारत रॉकेट को रूस से आयात करता था उम्मीद है अब स्वदेशी रॉकेट के निर्माण के बाद आयात में कमी आएगी.
पिछले कुछ हफ्तों में बालासोर और पोखरण में नए रॉकेटों का बड़े पैमाने पर परीक्षण किया गया. राज्य के मालिक मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड और नागपुर स्थित इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (ईईएल) ने परीक्षण के दौरान सभी उपयोगकर्ता आवश्यकताओं को पूरा किया.
अपग्रेटेड रॉकेट सिस्टम
पिनाका एक अपग्रेटेड रॉकेट प्रणाली है. डीआरडीओ की टेक्नोलॉजी के आधार पर इन रॉकेट प्रणालियों को विकसित किया गया है. पिनाका एमके-आई रॉकेट प्रणाली की मारक क्षमता लगभग 45 किलोमीटर है. वहीं, पिनाका-II रॉकेट सिस्टम की मारक क्षमता 60 किलोमीटर है. यह पुराने वेरिएंट से कई गुना ज्यादा है जोकि केवल 35 किमी तक ही पहुंच सकता है. यह पहली बार है कि निजी क्षेत्र द्वारा उत्पादित रॉकेटों को सेवा के लिए स्वीकार किया गया है, क्योंकि रक्षा निर्माण गैर-सरकारी खिलाड़ियों के लिए खोल दिया गया है. इस रॉकेट प्रणाली को डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाओं आयुध उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) ने संयुक्त रूप से डिजाइन किया है.
EEL के चेयरमैन सत्यनारायण नुवाल ने कहा, “परियोजना दिखाती है कि निजी क्षेत्र आत्मानिर्भर भारत की ओर आगे बढ़ रहा है. यह डीआरडीओ के निरंतर मार्गदर्शन और सेना के सहयोग से ही संभव हो पाया है.”
क्या हैं खूबियां?
पिनाका से टारगेट को ध्वस्त किया जा सकता है. इससे छोटी रेंज की इन्फैंट्री, आर्टिलरी और हथियार युक्त वाहनों को निशाना बनाया जाता है. डीआरडीओ ने 1980 के दशक में पिनाका रॉकेट सिस्टम को विकसित करना शुरू किया था. इसके बाद 1990 के आखिर में पिनाक मार्क-वन के सफल परीक्षण ने भारतीय सेना को बड़ी मजबूती प्रदान की. बता दें कि पिनाका सिस्टम की एक बैटरी में छह लान्चिंग वाहन होते हैं. पिनाका-II को एक गाइडेड मिसाइल की तरह तैयार किया गया है.
पिनाका रॉकेट सिस्टम 44 सेकेंड में 12 रॉकेट लॉन्च करती है. यानी करीब 4 सेकेंड में एक रॉकेट छूटता है. रॉकेट लॉन्चर की रेंज 7 KM के नजदीकी टारगेट से लेकर 90KM दूर बैठे दुश्मन को नेस्तानाबूत कर सकता है.रॉकेट लॉन्चर के तीन वैरिएंट्स हैं. पहला MK-1 ये 45KM तक हमला कर सकता है. दूसरा है MK-2 जोकि 90KM तक हमला कर सकता है और तीसरा है MK-3 ये अभी निर्माणाधीन है. यह 120 KM तक हमले करने में सक्षम होगा. इस लॉन्चर की लंबाई 16 फीट 3 इंच से लेकर 23 फीट 7 इंच तक है.