Agni-3 Missile: सेना ने किया अग्नि-3 का सफल परीक्षण, 3 हजार किमी तक लगाएगी दुश्मन पर निशाना

भारत ने ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 का सफल परीक्षण किया है. ये मिसाइल टेस्ट ट्रेनिंग के लिए किया गया. स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड ने ये मिसाइल लॉन्च किया. इस दौरान सभी मानकों को ध्यान में रखा गया.

अग्नि-3
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:17 AM IST
  • पहले भी अग्नि-3 मिसाइल टेस्ट कर चुकी है सेना
  • नेविगेशन से लैस है अग्नि-3 हाइब्रिड

स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड ने 3 हजार किमी से अधिक रेंज वाली परमाणु क्षमता से लैस इस अग्नि-3 मिसाइल का ओडिशा स्थित एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सफल ट्रेनिंग परीक्षण किया. 17 मीटर लंबी इस मिसाइल के अलग-अलग पैरामीटर को ट्रैक किया गया और रियल टाइम में टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम की ओर से निगरानी की गई.

पहले भी अग्नि-3 मिसाइल टेस्ट कर चुकी है सेना
वैसे अग्नि-3 मिसाइल पहले ही सेना में शामिल की जा चुकी है. अग्नि-3 की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए कई बार पहले भी टेस्ट किए जा चुके हैं. 2019 में इसका रात में भी परीक्षण किया था. इसकी खूबियों की बात करें तो 50 टन वजन वाली अग्नि-3 मिसाइल में दो चरणों वाला इंजन लगा है जो ठोस ईंधन से चलता है. ये मिसाइल अपने साथ 1.5 टन का हथियार ले जाने में सक्षम है. 

नेविगेशन से लैस है अग्नि-3 हाइब्रिड
अग्नि-3 हाइब्रिड नेविगेशन से लैस है. जिसमें ऑन-बोर्ड कंप्यूटर के साथ कंट्रोल पैनल भी है. इस मिसाइल की एक्टिव रेंज 3000 किलोमीटर से अधिक है. देश को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बीते कुछ वर्षों में कई कारगर कदम उठाए गए हैं. जिनके तहत सेना के तीनों अंगों के लिए स्वदेशी हथियारों को तेजी से विकसित किया जा रहा है. ताकि, जंग के हालात में दुश्मन के हर वार का माकूल जवाब दिया जा सके.

दूरी से करेगी दुश्मन का सफाया
अग्नि-3 मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है. यह परमाणु हमला कर सकती है. अग्नि-3 मिसाइल संभालने की जिम्मेदारी स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड के पास है. सेना का यह अंग भारत के परमाणु हथियारों को संभालता है. बता दें कि भारत के पास अग्नि सीरीज की पांच मिसाइल हैं ये सभी बैलिस्टिक मिसाइल हैं. इनका इस्तेमाल पारंपरिक विस्फोटक से हमला करने के साथ ही न्यूक्लियर अटैक में भी हो सकता है.

अग्नि और सामरिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के साथ भारत आसानी से 30 से 5,000 किलोमीटर के बीच टारगेट को निशाना बना सकती है. ब्रह्मोस 30 से 300 किमी के लक्ष्य को मार गिरा सकती है, जबकि अग्नि उससे आगे की दूरी पर टारगेट को साध सकती है.

 

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