दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED यानी प्रवर्तन निदेशालय बार-बार अरविंद केजरीवाल को समन जारी कर रहा है. तीसरा समन भी अरविंद केजरीवाल को भेजा जा चुका है. दिल्ली के सीएम तीसरे समन पर पेश नहीं हुए तो परेशानी में पड़ सकते हैं. लेकिन अब सब यही सोच रहे हैं कि क्या वह ED दफ्तर जाएंगे या पिछली दो बार की तरह अपना जवाब ED दफ्तर को भेजेंगे या फिर कहीं और चले जाएंगे? ऐसे में जांच एजेंसी ED के सामने कई सारे विकल्प मौजूद हैं.
पहले भी ED भेज चुकी है समन
बता दें, दिल्ली के सीएम को 3 जनवरी को शराब घोटाले के मामले में पेश होने के लिए कहा गया है. इससे पहले 2 नवंबर और 21 दिसंबर को ED ने पेश होने के लिए केजरीवाल को समन भेजा था. दूसरा समन जब भेजा गया था तब अरविंद केजरीवाल पंजाब विपासना ध्यान के लिए चले गए थे. जिसके बाद वे 30 दिसंबर वहां से वापस लौटे थे. इतना ही नहीं उन्होंने दूसरे समन पर पेश होने से इनकार करते हुए जांच अधिकारी को एक चिट्ठी लिखी थी और कहा था कि व्यक्तिगत पेशी के लिए उनके खिलाफ जारी किया गया नोटिस कानून के अनुरूप नहीं है इसे वापस लिया जाना चाहिए.
अब भी नहीं हुए पेश तो क्या होगा?
लेकिन अब सवाल है कि आखिर अरविंद केजरीवाल अगर 3 जनवरी को भी पेश नहीं हुए तो आखिर क्या होगा? इसे लेकर सीनियर एडवोकेट गीता लूथरा ने बताया कि प्रोसेस ये है कि ED समन पर पेश न होने पर जमानती वारंट जारी करती है. उसके बाद भी पेश न होने पर गैर जमानती वारंट जारी होता है. उसके बाद भी पेश नहीं होने पर सीधे गिरफ्तारी होती है.
दोबारा समय भी मिल सकता है
वहीं प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के जानकार बताते हैं कि पेश न हो पाने की जायज वजह मिले तो ED समय दे सकती है. इसके बाद फिर दोबारा से समन भेजा जाता है. और तीन बार ED के समन पर पेश नहीं होने पर एजेंसी कानूनी रास्ता अपना सकती है, लिहाजा जमानती और गैरजमानती वारंट जारी कर सकती है. पीएमएलए के तहत ही केजरीवाल का मामला भी आता है. अदालत का आदेश भी यही कहता है कि ED व्यक्ति को एक तारीख और समय पर एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहता है और अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है.
ED के पास दूसरे क्या विकल्प हैं?
सीएम केजरीवाल अगर पेश नही होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं. ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर गिरफ्तारी कर सकते हैं. यानी अगर दिल्ली के सीएम तीसरे सामन पर पेश नहीं हुए तो परेशानी में पड़ सकते हैं.
(राम किन्कर सिंह की रिपोर्ट)