शनिवार को बरार स्क्वायर अंत्येष्टि स्थल पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत की दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने अपने माता पिता की अस्थियां चुनी और हरिद्वार लेकर रवाना हुई. हरिद्वार में देवभूमि के लाल जनरल रावत और उनकी पत्नी की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया गया. पारंपरिक विधि विधान से हरकी पैड़ी पर स्थानीय पंडितों ने अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया को सम्पन्न कराया.
दोनों बेटियों ने पूरा किया कार्य
हिंदू धर्म में जीवन की जिस अंतिम परम्परा को बेटे निभाते हैं उस परम्परा को सीडीएस जनरल बिपिन रावत की दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने निभाया. तारिणी ने बेटा बनकर मां और पिता को तारने का कार्य किया. इसके साथ ही जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की कुछ अस्थियों को उत्तराखंड के पंच प्रयाग में विसर्जन के लिए यहां के उनके सगे संबंधियों और मित्रों को दिया गया.
जनरल बिपिन रावत के मित्र रियर एडमिरल ओपीएस राणा और उनके मामा कर्नल सत्यपाल परमार ने बताया कि जनरल बिपिन रावत इसी देवभूमि के लाल थे. इसलिए उनकी अस्थियों को देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, विष्णुप्रयाग और नंदप्रयाग में विसर्जित किया जाएगा.
मनजीत ने की रिपोर्ट