मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि असम सरकार जल्द ही राज्य के बाहर के मस्जिदों और मदरसा शिक्षकों के इमामों के लिए पुलिस वेरिफिकेशन और ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य कर देगी. यह कदम पिछले चार महीनों में बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) से जुड़े बांग्लादेशी नागरिकों सहित 25 लोगों की गिरफ्तारी के बाद उठाया गया है. यह संगठन भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) में अल कायदा से जुड़ा है.
शनिवार को, गोलपारा जिले में पुलिस ने दो इमाम, अब्दुस सुभान (43) और जलालुद्दीन शेख (49) को गिरफ्तार किया, जो जिले में दो अलग-अलग मस्जिदों के साथ थे, और उन्हें एबीटी, एक्यूआईएस जैसे जिहादी संगठनों से जोड़ने वाले आपत्तिजनक दस्तावेज, फोन और सिम कार्ड बरामद किए. सीएम का कहना है कि जिहादी लिंक वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उनमें से एक सरगना पाया गया है जो इमाम के रूप में काम करने के अलावा आतंकी नेटवर्क फैलाने में भी शामिल था.
राज्य सरकार शुरू करेगी पोर्टल
सरकार ने कुछ मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की हैं, जिसके माध्यम से निवासियों को स्थानीय पुलिस को नए इमामों के बारे में सूचित करना होगा जो क्षेत्र के बाहर से हैं. ताकि पुलिस काम करने से पहले उनकी हिस्ट्री वेरिफाई कर सके. राज्य सरकार एक पोर्टल भी शुरू करेगी जिसके माध्यम से असम के बाहर से आने वाले निजी मदरसों के इमामों और शिक्षकों को अपना पंजीकरण कराना होगा.
हालांकि, मुख्यमंत्री ने यह उल्लेख नहीं किया कि एसओपी या पोर्टल कब चालू होगा.
जिहादी स्लीपर सेल में कर रहे थे भर्ती
गोलपारा के पुलिस अधीक्षक वीवी राकेश रेड्डी ने मीडिया को बताया कि पुलिस को दो गिरफ्तार इमामों से अन्य जिहादियों को दिए गए रसद समर्थन के सबूत मिले हैं. वे गोलपारा में नए जिहादी स्लीपर सेल के लिए लोगों की भर्ती भी कर रहे थे और उन्हें AQIS और ABT से लॉजिस्टिक सपोर्ट मिल रहा था. दोनों को रविवार को अदालत में पेश किया गया और उन्हें सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
इस महीने की शुरुआत में, मुख्यमंत्री सरमा ने दावा किया था कि राज्य इस्लामी कट्टरवाद के लिए एक केंद्र बन गया है और पिछले चार महीनों में बांग्लादेश में अल कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठनों के साथ जुड़े पांच 'जिहादी' मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है.