यूपी चुनाव: एक दूसरे को ड‍िज‍िटल वार में मात देने की कोश‍िश में स‍ियासी द‍िग्गज, किसके कितने फॉलोवर्स?

यानी चुनावी राजनीति में भी सोशल मीडिया की अहम भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है. मतदाताओं को लामबंद करने के लिए सोशल मीडिया अचूक राजनीतिक हथियार साबित हो रहा है. जो राजनीतिक ध्रुवीकरण और सियासी एजेंडा सेट करने में बड़ी भूमिका भी निभाने लगा है. यूपी चुनाव में भी सोशल मीडिया के दखल से इनकार नहीं किया जा सकता है. सोशल मीडिया पर राज्य के हर बड़े राजनीतिक चेहरे के फॉलोवर्स लाखों की संख्या में हैं.

UP Vidhan Sabha Election
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST

यूपी चुनाव में सभी सियासी दल एक दूसरे को डिजिटल वार में मात देने की कोशिश कर रहे हैं. सोशल मीडिया की इस दुनिया में सबसे ज्यादा मारामारी फॉलोवर्स बढ़ाने की ही है. वर्चुअल वर्ल्ड में फॉलोअर्स की संख्या से ही अब लोकप्रियता तय होती है. हमारे नेता भी इस ट्रेंड से अछूते नहीं है. उन्हें भी पता है कि ज्यादा से ज्यादा फॉलोवर्स का मतलब क्या है. यही वजह है कि उनमें भी फेसबुक से लेकर ट्विटर तक अपने फॉलोअर्स बढ़ाने की होड़ है. ताकि डिजिटल दुनिया के इस दौर में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक वो अपने रुख, राय और बातों को पहुंचा सकें. 

यानी चुनावी राजनीति में भी सोशल मीडिया की अहम भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है. मतदाताओं को लामबंद करने के लिए सोशल मीडिया अचूक राजनीतिक हथियार साबित हो रहा है. जो राजनीतिक ध्रुवीकरण और सियासी एजेंडा सेट करने में बड़ी भूमिका भी निभाने लगा है. यूपी चुनाव में भी सोशल मीडिया के दखल से इनकार नहीं किया जा सकता है. सोशल मीडिया पर राज्य के हर बड़े राजनीतिक चेहरे के फॉलोवर्स लाखों की संख्या में हैं. 

अगर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बात करें तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर उनके 66 लाख 48 हजार से फॉलोवर्स हैं. जबकि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर योगी के समर्थकों की बात की जाए. तो उनकी संख्या 1 करोड़ 70 लाख के करीब है.

बीजेपी के लिए राजनीतिक चुनौती साबित होने में जुटे अखिलेश यादव को फेसबुक पर 73 लाख 52 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. जबकि ट्विटर पर उनके फॉलोवर्स की संख्या 1 करोड़ 55 लाख है.

अब बात कांग्रेस की महासचिव और यूपी में पार्टी की एकमात्र उम्मीद प्रियंका गांधी की करते हैं. कांग्रेस महासच‍िव प्र‍ियंका गांधी के फेसबुक पर 43 लाख 25 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं. वहीं ट्विटर पर उनके फॉलोवर्स की संख्या 44 लाख है.

चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकीं बसपा प्रमुख मायावती फेसबुक का इस्तेमाल नहीं करतीं. लेकिन ट्विटर पर उनके 23 लाख फॉलोवर्स हैं.

यानी फेसबुक पर ही योगी आदित्यनाथ के फॉलोवर्स की संख्या अखिलेश यादव से कम है. जबकि ट्विटर पर फॉलोअर्स के मामले में वो सबसे आगे हैं. हालांकि चुनाव के आगाज के साथ ही सभी नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. ताकि वहां भी ज्यादा से ज्यादा फॉलोवर्स को वो जोड़ सकें.

 

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