गुजरात विधानसभा में ऐतिहासिक जीत मिलने के बाद भाजपा ने जहां 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को जीतने का दावा करना शुरू कर दिया है तो वहीं कांग्रेस भी हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाकर ताल ठोक रही है. लोकसभा से पहले 2023 में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों के अलावा पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके अलावा जम्मू एवं कश्मीर में चुनाव हो सकता है. आइए आज इन राज्यों की सियासी स्थिति के बारे में जानते हैं.
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव हो सकता है. मध्य प्रदेश में 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया था. कमलनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन कांग्रेस इस जनादेश को संभाल नहीं पाई और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों के एक खेमे के अलग होने के बाद भाजपा की तरफ से शिवराज सिंह चौहान फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने. इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री है और भाजपा राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ चुनाव जीतने का दावा कर रही है.
राजस्थान
राजस्थान में अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को करारी मात दी थी और वसुंधरा राजे को राज्य की सत्ता से बेदखल कर दिया था. माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है.
कर्नाटक
कर्नाटक में मई 2023 में चुनाव हो सकते हैं. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला था. त्रिशंकु विधानसभा बनने के बाद राज्यपाल ने सदन में सबसे बड़े दल भाजपा के नेता के तौर पर बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई लेकिन बहुमत का जुगाड़ नहीं कर पाने के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर राज्य में सरकार का गठन किया. राजनीतिक परिस्थितियों में बदलाव के बाद भाजपा ने राज्य में 2019 में सरकार का गठन कर येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया लेकिन 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति के मद्देनजर 2021 में ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन कर बी एस येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बना दिया.
तेलंगाना
दक्षिण भारत के अहम राज्य तेलंगाना में दिसंबर 2023 में चुनाव हो सकता है. तेलंगाना में वर्तमान में टीआरएस की सरकार है और वहां के. चंदशेखर राव मुख्यमंत्री हैं जो 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर बड़ा मोर्चा तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन भाजपा 2023 में उनके ही गढ़ तेलंगाना में उन्हें चुनाव हराने का दावा कर रही है. माना जा रहा है कि बीजेपी 2023 में BRS को कड़ी टक्कर दे सकती है.
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में 2018 से कांग्रेस की सरकार है. भूपेश बघेल मुख्यमंत्री हैं. 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी को करारी मात दी थी और राज्य में रमन सिंह के लंबे मुख्यमंत्रित्व काल का अंत किया था. छत्तीसगढ़ में नवंबर 2023 में चुनाव हो सकते हैं.
त्रिपुरा
त्रिपुरा में अभी बीजेपी के नेतृत्व में गठबंधन सरकार है. 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अकेले दम पर बहुमत हासिल किया था और विप्लव कुमार देव के नेतृत्व में सरकार बनाई थी. बाद में 15 मई 2022 को बीजेपी ने माणिक साहा को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया.
मेघालय
फरवरी 2023 में मेघालय में भी विधानसभा चुनाव हो सकता है. अभी कोनराड संगमा के नेतृत्व में नेशनल पीपुल्स पार्टी की गठबंधन सरकार है. इस गठबंधन सरकार में यूनाइटेड डेमोक्रिेटक पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट और भारतीय जनता पार्टी शामिल है.
नागालैंड
नागालैंड में 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में NDPP ने बीजेपी की मदद से गठबंधन सरकार बनाई थी. उन चुनावों के बाद NDPP के नेता नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री बने थे. नागालैंड में एक बार फिर फरवरी 2023 में चुनाव हो सकता है.
मिजोरम
मिजोरम में भी 2023 के नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. सूबे में इस समय मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार है जिसने 2018 के विधानसभा चुनावों में 40 में से 26 सीटें जीती थी. जोरामथंगा मुख्यमंत्री बने थे. जोरामथंगा से पहले कांग्रेस नेता लाल थनहवला लगातार 10 सालों तक मुख्यमंत्री रहे थे.
जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर में लगातार की जा रही तैयारियों के बीच यह संभावना जताई जा रही है कि विधानसभा चुनाव कराने के अपने वादे के तहत सरकार इस राज्य में भी अगले साल विधानसभा का चुनाव करवा सकती है. अगस्त 2019 में राज्य से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को खत्म करने के बाद जम्मू एवं कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया था और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया था. जम्मू एवं कश्मीर में 2019 से ही राष्ट्रपति शासन लागू है और सरकार लेफ्टिनेंट गवर्नर चला रहे हैं.